सार्वजनिक धन के खर्च में पारदर्शिता आवश्यक,पाराग्वे धर्माध्यक्ष
सुनीता माग्रेट मिंज-वाटिकन सिटी
पाराग्वे, शनिवार 8 फरवरी 2020 (रेई) : "गणतंत्र के संस्थानों में भ्रष्टाचार और दण्ड मुक्ति को बढ़ावा मिलता है।" पाराग्वे के धर्माध्यक्षों ने इन दिनों जारी किए गए एक बयान में लिखा। विधान सभा ने राजनीतिक बलों के सार्वजनिक धन पर कानून को संशोधित करने के लिए विधेयक को मंजूरी दी। देश की वर्तमान स्थिति, "नागरिकों को अपने अधिकारियों के प्रति असहमति, उदासी और अविश्वास की ओर ले जा रही है"।
पारदर्शिता
धर्माध्यक्षों ने बयान में लिखा कि प्रजातंत्र राज्य के लिए पारदर्शिता अपरिहार्य है - लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए राजनीतिक गतिविधि के वित्तपोषण की सही और समय पर जानकारी आवश्यक है, खासकर चुनावी प्रक्रियाओं में। साथ ही नागरिकों की संपत्ति का मूल उन लोगों दवारा नियंत्रित है जो राजनीतिक व्यवसाय और सार्वजनिक मामलों के प्रबंधन का निर्णय लेते हैं। धर्माध्यक्षों का कहना है कि बिना मूल्यों वाला लोकतंत्र लोगों को धोखा देता है और अधिनायकवादी बन जाता है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि चुनावी प्रक्रियाओं में, "केवल औपचारिक प्रक्रियाएं" पर्याप्त नहीं हैं, लेकिन "भागीदारी लोकतंत्र" मानव अधिकार को बढ़ावा देता और सम्मान करता है।”
नागरिकों की भागीदारी
जैसा कि कलीसिया के सामाजिक सिद्धांत द्वारा इंगित किया गया है कि प्रजातंत्र राज्य प्रत्येक नागरिक की भागीदारी होनी चाहिए। इसका तात्पर्य यह है कि विभिन्न विषयों को किसी भी स्तर पर नागरिक समुदाय को सूचित किया जाता है और कार्यों के अभ्यास में शामिल किया जाता है।"(न190) इस सिद्धांत के आलोक में, पाराग्वे धर्माध्यक्षीय सम्मेलन देश के विधायकों, सांसदों और राजनीतिक दलों के नेताओं से आग्रह करता है जिनकी अपरिहार्य स्थिति सार्वजनिक मामलों के प्रबंधन से संबंधित जानकारी तक असीमित पहुंच है, कि वे नागरिकों की प्रामाणिक भागीदारी के लिए तंत्र को बढ़ावा और समर्थन दें।”
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