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कोरोना वायरस: अफ़वाहों से सावधान रहने की ज़रूरत

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के बारे में अफ़वाहों और ऑनलाइन माध्यमों पर दुष्प्रचार व झूठी सूचनाओं को रोकने के लिए कुछ अहतियाती उपाय किये हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों ने गलत जानकारी फैलाने की कोशिशों को ‘इन्फ़ोडेमिक’ क़रार दिया है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

जेनेवा, बुधवार,5 फरवरी 2020 (यूएन न्यूज) : ऐसी भी ख़बरें मिल रही हैं कि जैसे-जैसे कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है, वैसे-वैसे ही चीनी मूल के व्यक्तियों के ख़िलाफ़ भेदभाव भी बढ़ रहा है। इन ख़बरों के बीच यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने इस बीमारियों से प्रभावित होने वाले लोगों के विरुद्ध किसी भी तरह का भेदभाव बन्द करने के लिए अंतरराष्ट्रीय एकजुटता का आहवान किया है।

संक्रमित ‘बादल’ की अफ़वाहें

विश्व स्वास्थ्य संगठन में वैश्विक संक्रमण आपदा की तैयारियों संबंधी विभाग के निदेशक डॉक्टर सिलवी ब्रियांड ने मंगलवार को जेनेवा में पत्रकारों को बताया कि एजेंसी ने इन अफ़वाहों को रद्दे करने के लिए पहले ही अहतियाती क़दम उठाए हैं जिनमें कहा जा रहा था कि कोरोना वायरस संक्रमित बादल से भी फैल सकता है।  लोगों को अचानक लगने लगा कि कोरोना वायरस हवा में मौजूद  है... और ये भी कि वायरस का कोई बादल भी है” जिससे संक्रमण फैल सकता है।

उन्होंने कहा, “ऐसा कुछ भी नहीं है। ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के बहुत नज़दीक से संपर्क में आने पर फैलने का ख़तरा होता है... इसलिए हम ये समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि हम विज्ञान समझते हैं – और इस वायरस के पीछे के विज्ञान के बारे में अभी पूरी तरह जानकारी उपलब्ध नहीं है। हमने ऐसी सिफ़ारिशें भी पेश की हैं जिनके ज़रिए लोगों को ख़ुद और अपने परिवारों को इस संक्रमण से दूर रखने में मदद मिल सकती है।”

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रोस ने भी सोमवार को कहा था कि दुनिया भर की प्रमुख इंटरनेट कंपनियों के साथ मिलकर ये सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि ऑनलाइन खोज में कोरोना वायरस के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तैयार की गई जानकारी सबसे पहले उपलब्ध रहे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ये समाचार लिखने तक कोरोना वायरस के संक्रमण से 425 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन में ही इसके संक्रमण के 20 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं और चीन के अलावा अन्य देशों में 158 मामले सामने आए हैं।

एकजुटता की अपील

डॉक्टर सिलवी ब्रियांड ने इस चुनौती का सामना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय एकजुटता की अपील करते हुए कहा कि ये भी बहुत ज़रूरी है कि सूचना पर अंकुश लगाने के बजाय वायरस के बारे में उपलब्ध सही जानकारी फैलाई जाए और जो नहीं मालूम है, उसके बारे में भी जानकारी मुहैया कराई जाए।  

उन्होंने कहा कि जो लोग अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण के शिकार हुए हैं उनकी रोग प्रतिरोधी क्षमता पहले से ही कमज़ोर थी और उनमें से ज़्यादातर कैंसर और अन्य क्रोनिक बीमारियों के मरीज़ थे। साथ ही इसके संक्रमण का शिकार होने वाले काफ़ी लोग वृद्ध हैं।

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05 February 2020, 16:08