जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 10 जनवरी 2020 (रेई,वाटिकन रेडियो): ईराक में एबरिल के महाधर्माध्यक्ष बशार वर्दा ने जमर्नी की चर्च इन नीड संस्था के साथ बातचीत में ईरान के जनरल सुलेमानी की हत्या तथा अमरीका एवं ईरान के बीच बढ़ते तनावों की पृष्ठभूमि में ईराक की स्थित पर गहन चिन्ता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि विश्व में बड़ते तनावों के बीच ईराक में ख्रीस्तीयों की चिन्ताएँ और अधिक सघन हो गई हैं जो 2003 के बाद से 90 प्रतिशत तक घट गई है तथा जिसकी स्थिति 2014 से आईएसआईएस के हमलों के बाद से और अधिक कमज़ोर हो गई है।
अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील
चर्च इन नीड से उन्होंने कहा कि अब ईरानी जेनरल की हत्या के बाद से और अधिक ख्रीस्तीयों के पलायन का डर बन गया है। महाधर्माध्यक्ष वर्दा ने कहा कि ईराक हमारी जन्मभूमि है और इसी पर हम शांतिपूर्वक अपना जीवन यापन करना चाहते हैं, जिसके लिये हमें अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की नितान्त आवश्यकता है।
महाधर्माध्यक्ष वर्दा ने इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि जब कभी भी अमरीका की कारर्वाई होती है तब ईराक के ख्रीस्तीयों को पश्चिमी जगत के समर्थक रूप में देखा जाता है तथा उनके विरुद्ध अत्याचार ढाये जाते हैं।
अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से महाधर्माध्यक्ष ने अपील की कि वह अपने प्रभाव का सदुपयोग कर अमरीका एवं ईरान के बीच उत्पन्न तनावों को कम करने का हर सम्भव प्रयास करे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ईराक में शान्ति की स्थापना हो सकेगी तथा सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा भी सम्भव हो सकेगी। उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं जानता कि यह कब हो सकेगा किन्तु इसके लिये हमारी प्रार्थनाएँ निरन्तर जारी रहेंगी।"