पूर्व सोवियत नेता को वैश्विक परमाणु संकट का आशंका
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
सोवियत संघ, मंगलवार, 5 नवम्बर 2019 (रेई)˸ गोरबाचेव को अपने देश में सुधार लाने और पूर्व एवं पश्चिम में शीत युद्ध का अंत करने के लिए 1990 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक अमेरिका के साथ मास्को की परमाणु हथियारों की दौड़ को समाप्त करना था।
गोरबाचेव और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन, अपने परमाणु हथियार शस्त्रागार को कम करने पर सहमत हुए थे। इस समझौते पर 1987 को हस्ताक्षर किया गया था। किन्तु हल में रूस और अमरीका ने मध्यवर्ती श्रेणी के परमाणु बल संधि को वापस लेने का निर्णय किया है।
परमाणु विनाश ब्रिटेन बीबीसी टेलीविजन के एक साक्षात्कार में गोरबाचेव ने चेतावनी दी है कि दुनिया परमाणु हथियार के विनाश की ओर आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, "जब तक सामूहिक विनाश के हथियार मौजूद हैं, खासकर, परमाणु हथियार, तब खतरा प्रचंड है। सभी राष्ट्रों को यह घोषणा करनी चाहिए कि परमाणु हथियारों को नष्ट किया जाए। इसी के द्वारा हमारी और हमारी पृथ्वी की रक्षा हो सकती है।"
गोरबाचेव ने अपने शब्दों में, पश्चिम और रूस के बीच मौजूदा गतिरोध का वर्णन किया और कहा, "शांत है किन्तु युद्ध अभी भी है।"
उन्होंने झड़पों और गोलीबारी के बारे में चिंता व्यक्त की। विमान और जहाजों को दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में भेजा जा रहा है, यह कहते हुए कि "यह वह स्थिति नहीं है जो हम चाहते हैं।"गोरबाचेव ने ये बात बर्लिन की दीवार गिरने की 30वीं वर्षगांठ से पहले कही है।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here