गोवा का एक गिरजाघऱ गोवा का एक गिरजाघऱ 

जेसुइट प्रबंधन संस्थानों के संस्थापक, फादर रोमुल्ड का निधन

प्रसिद्ध शिक्षाविद् और विचारक जेसुइट फादर रोमुएल डिसूजा का 1 नवंबर को पश्चिमी भारत के गोवा में निधन हो गया। वह 94 वर्ष के थे।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली,शनिवार, 2 नवंबर, 2019  ( मैटर्स इंडिया) : “फादर डिसूजा को शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। वे हमेशा हम सभी के लिए खासकर शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणा देते रहेंगे, ईश्वर उन्हें अनन्त विश्राम प्रदान करें।” उक्त बात गोवा जेसुइट प्रोविंसियल ने कही।

फादर रोमुल्ड का अंतिम संस्कार 3 नवंबर को राज्य की राजधानी पणजी से 10 कि.मी. उत्तर पोरवोरिम में किया जाएगा।

भारत में चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘पद्म श्री’ से सम्मानित होने वाले फादर डिसूज़ा को गोवा और भारत में शिक्षा और प्रबंधन के अध्ययन में बदलाव लाने का श्रेय दिया गया।

जीवनी

फादर रोमुल्ड डिसूजा का जन्म 20 दिसंबर,1925 को पणजी से 18 कि.मी. उत्तर अल्दोना में हुई। 1958 में बेल्जियम में जेसुइट धर्मसमाज के सदस्य के रुप में पुरोहिताभिषेक हुआ। उन्होंने न्यूयॉर्क शहर के फोर्डहाम विश्वविद्यालय से काउंसलिंग में स्नात्कोत्तर किया। उसके बाद उन्होंने उसी स्थान पर कोलंबिया विश्वविद्यालय में आगे की पढ़ाई की।

1962 में भारत लौटने पर उन्होंने 1967में संत विंसेंट हाई स्कूल, पुणे के प्रिंसिपल का पदभार संभाला।उन्होंने गोवा प्रबंधन संस्थान की स्थापना की, जो पश्चिमी भारत में शीर्ष प्रबंधन संस्थानों में से एक है। उन्होंने 1978 में पोरवोरिम में ‘जेवियर सेंटर ऑफ़ हिस्टोरिकल रिसर्च’ की स्थापना भी की। उन्होंने 19821-1989 के दौरान जमशेदपुर (झारखंड) में ‘जेवियर लेबर रिसर्च इंस्टीट्यूट’ के निदेशक के रूप में कार्य किया।

1987में, उन्होंने ओडिशा राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में ‘जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट’ की स्थापना की और इसे 1993 तक निर्देशन किया। उसके बाद उन्होंने पणजी में ‘गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट’ की स्थापना की और 2004 तक इसके निदेशक के रूप में कार्य किया।

उन्होंने विभिन्न शैक्षणिक संगठनों के सदस्य के रूप में कार्य किया, जैसे एसोसिएशन ऑफ मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट्स ऑफ साउथ एशिया, ऑल इंडिया बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, भारत सरकार, गोवा विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद, उत्कल विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद।

वे, प्रबंधन अकादमी संयुक्त राज्य अमेरिका, मनोवैज्ञानिकों की अंतर्राष्ट्रीय परिषद और अमेरिकन मनोवैज्ञानिक सोसायटी के एक पेशेवर सदस्य थे। वे व्यापार की नैतिकता, तनाव के प्रबंधन, साइकोमेट्रिक्स और संगठनात्मक व्यवहार आदि विषयों को पढ़ाते थे। उन्होंने गोवा के मेरियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थकेयर मैनेजमेंट की भी स्थापना की।

26 जनवरी 2010 को, भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा और साहित्य में उनके योगदान के लिए पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा।

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02 November 2019, 16:12