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बोस्निया तुज्ला शहर के प्रवासी बोस्निया तुज्ला शहर के प्रवासी 

बोस्निया पुलिस के कारण प्रवासी संकट में

बोस्निया-हर्ज़ेगोविना में पुलिस ने बाल्कन राष्ट्र के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में पहुंचने से रोकने के लिए ट्रेन पर सवार दर्जनों प्रवासियों को ट्रेन से बाहर निकाल दिया, जहां एक भीड़-भाड़ वाला शरणार्थी शिविर लगातार हर दूसरे दिन पानी की आपूर्ति के बिना है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

बोस्निया, बुधवार 23 अक्टूबर 2019 (वाटिकन न्यूज) : बोस्नियाई पुलिस प्रवासियों को पास के कुख्यात वेजकैक शिविर में ले गई। उन्हें बोस्नियाई शहर बिहाक में रहने की अनुमति नहीं है।

स्थानीय सुरक्षा बलों ने एक बिहाक-बाउंड ट्रेन से दर्जनों प्रवासियों को उतारा और उन्हें शहर से दूर भेज दिया। शिविर में पहुंचने वाले प्रवासियों को भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

युद्ध, उत्पीड़न और गरीबी से पलायन करने वाले प्रवासी हताश हैं। "मुझे बहुत समस्या है, शौचालय नहीं, पानी नहीं, कृपया मीडिया, मेरी मदद करें।" एक आदमी ने कहा।

मिस्र के एक प्रवासी हालिद ने कहा, "कोई बाथरूम, बिजली, कोई फोन चार्जिंग, कोई सिग्नल नहीं है। इंसान के लिए यहां रहने और जीने के लिए कुछ भी नहीं है। यहाँ रहना बहुत कठिन है। मैं अपने परिवार के साथ बात करने के लिए बिहाक तक नहीं जा सकता।"

पानी नहीं

सोमवार को अधिकारियों ने शिविर के पानी की आपूर्ति में कटौती करने का निर्णय लिया। वे हजारों प्रवासियों को स्थानांतरित करने में मदद करने के लिए बोस्नियाई सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं।

आधिकारिक अनुमान बताते हैं कि कुछ 40,000 प्रवासियों ने 2018 के बाद से बोस्निया में प्रवेश किया। उनमें से 7,000 से अधिक लोग उत्तर-पश्चिमी बिहाक क्षेत्र में बस गए हैं, जो पास के यूरोपीय संघ के सदस्य राज्य क्रोएशिया में पार कर यूरोप के दूसरे देशों में जाने की उम्मीद कर रहे हैं।

प्रवासियों में लगभग 20 प्रतिशत बच्चे

वुज़ुक शिविर में रहने वाले सैकड़ों प्रवासी पीने के लिए वहाँ के घरों से पानी प्लास्टिक बोतलों में भर कर ले जाते हैं। स्थानीय रेड क्रॉस सुबह में भोजन के साथ पानी की छोटी बोतलें देती है।

लेकिन सर्दियों के लिए, यू.एन. प्रवासी एजेंसी और यूरोप के मानवअधिकार परिषद के आयुक्त ने बोस्निया से इस भीड़ भरे प्रवासी शिविर को स्थानांतरित करने का आग्रह किया है। वे एक मानवीय जोखिम की चेतावनी देते हैं क्योंकि वे यहाँ प्रवासियों को "दु:खद" स्थितियों में देखते हैं।

संघर्षरत राष्ट्र

बोस्निया स्वयं आर्थिक संकट स्थिति से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है क्योंकि 1992 से 1995 तक अलग-अलग जातीय समूहों के बीच युद्ध के बाद बाल्कन देश जातीय रूप से विभाजित और आर्थिक रूप से कमजोर है।

बोस्निया अपने देश के आधे हिस्से में प्रवासियों को रहने की अनुमति देने से इनकार करते हैं और कई अन्य नगरपालिकाएं भी अपने क्षेत्रों में प्रवासी शिविरों के गठन को अस्वीकार करती हैं।

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23 October 2019, 16:12