यूरोप-प्रावसन-इटली यूरोप-प्रावसन-इटली 

लम्पादूसा की यादगारी में 3 अक्टूबर

आप्रवासन के पीड़ितों की याद में राष्ट्रीय दिवस को चिह्नित करते हुए कहा गया। 3 अक्टूबर 2013 भूमध्यसागर निरिक्षण की शुरूआत से लेकर, आज तक करीबन 15 हजार से अधिक लोगों की जल समाधि हो चुकी है।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 04 अक्टूबर 2019 (रेई) 03 अक्टूबर सन् 2013 को भूमध्यसागर पार करने के क्रम के प्रावसियों का एक नाव लम्पादूसा के द्वीप के करीब डूब गया था जिसमें यात्रियों की संख्या अब तक अज्ञात है। इसमें घटना में बाद 194 शरीरों को निकाला गया जबकि 363 लोग लापता घोषित किये गये।

दूबारा नहीं

इस घटना के संबंध में यूरोप और इसके नेताओं ने "नेवर अगेन" ने नाम से बयानों एक श्रृंखला जारी की और 03 अक्टूबर को आप्रवासन के पीड़ितों की याद में राष्ट्रीय दिवस स्वरूप स्थापित किया गया।

लेकिन इसके छह साल बाद आज भी पुरुषों और महिलाओं की जलसमाधि जारी है। प्रवासियों के लिए स्थापित अन्तरराष्ट्रीय संगठन के दस्तवेजों के अनुसार अब तक केंद्रीय भूमध्यसागरीय में 15,000 से अधिक लोग मर चुके हैं। इस आकड़ें के मुताबिक मरने वालों में 678 बच्चे भी शामिल हैं।

संत पापा की पहल

पोप फ्रांसिस ने नेताओं और नीति निर्माताओं से बार-बार अग्रह किया है कि वे जिम्मेदारी लें और प्रवासन के लिए मजबूर लोगों के लिए सुरक्षित मार्ग, राहत और आश्रय प्रदान करें। विगत रविवार को प्रवासियों और शरणार्थियों के लिए संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में मिस्सा बलिदान अर्पित करते हुए उन्होंने इस तथ्य की निंदा की कि युद्ध के हथियारों का उत्पादन जारी है। उन्होंने कहा कि युद्ध और हिंसा में विस्थापितों को देश अपने में शरण देने का अनिच्छा जाहिर करते हैं जिसका खामियाजा उन्हें कई रूपों में भुगतना पड़ता है। वहीं 3 अक्टूबर की घटना के बाद यूरोप ने अपने वादों के अनुरुप समुद्र में बचाव कार्यों और खोजी कार्यों में तेजी लाया है।

माल्टा शिखर सम्मेलन

हाल के माल्टा शिखर सम्मेलन ने यूरोपीय संघ के साथ इस बात को साझा करने की जिम्मेदारी हेतु पहल की है कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करेंगे जिससे गैर-सरकारी संगठन और मानवीय संगठनों संघ खोज और बचाव कार्य सुचारू रूप से जारी रखा जा सकें। इसमें खोज और बचाव कार्यों के लिए यूरोपीय संघ के जहाजों को शामिल किया जायेगा और समुद्र में जीवन बचाने में एनजीओ नौकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित की जायेगी। देशों के राजनीतिक नेताओं द्वारा अपनी जिम्मेदारी न लेने के कारण प्रवासियों और शरणार्थियों का मरना अब भी जारी है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

04 October 2019, 17:44