अपने बच्चे को दूध पिलाती एक माँ अपने बच्चे को दूध पिलाती एक माँ 

विश्व स्तनपान सप्ताह, स्तनपान से लाभ

स्तनपान के द्वारा 5 साल से कम उम्र के करीब 8,23,000 बच्चों की मृत्यु को रोका जा सकता है और 20,000 माताओं को हर साल ब्रेस्ट कैंसर से बचाया जा सकता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 1 अगस्त 2019 (रेई)˸ यूनिसेफ में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए 1 से 7 अगस्त को विश्वस्तन पान सप्ताह घोषित किया है।

आज 6 माह से कम उम्र के करीब 40 प्रतिशत बच्चों को ही स्तनपान कराया जाता है।

इसकी तुलना में यह दर सबसे कम विकसित देशों में आधे (50.8%) से अधिक है। खोज में पाया गया है कि शहर की तुलना में गाँव में अधिक बच्चों को स्तनपान कराया जाता है जबकि मध्य-उच्च आय वाले देशों में, स्तनपान दर 2012 में 28.7% थी।

स्तनपान के दर में वृद्धि हर साल विश्व में 5 साल से कम उम्र के 8,23,000 बच्चों की मृत्यु को रोक सकता है और 20,000 माताओं को ब्रेस्ट कैंसर से बचा सकता है। स्तनपान करने वाले बच्चे अपने जीवन की शुरूआत अधिक अच्छी तरह से करते हैं। यह संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देता है तथा बच्चे का पहला टीका है क्योंकि यह उसे बीमारी और मृत्यु से बचाता है।   

2018 में करीब 43 प्रतिशत शिशुओं को जन्म के तुरन्त बाद माँ का दूध पिलाया गया था। बच्चे और मां का शारीरिक सम्पर्क एवं स्तनपान शिशु को गर्म रखता है, प्रतिरक्षा तंत्र का निर्माण करता, रिश्ते को बढ़ावा देता, स्तन के दूध को प्रवृत करता तथा विशेष रूप से स्तनपान कराने की संभावना को बढ़ा देता है।

मां के स्तन का दूध बच्चे के लिए भोजन मात्र से बढ़कर है। यह बच्चों को रोगों से दूर रखने हेतु एक प्रभावशाली औषधि भी है। पहली बार पीया हुआ माँ का दूध बच्चों को बीमारी और मृत्यु से बचाने के लिए एंटीबॉडी का काम भी करता है। स्तनपान न केवल बच्चों के लिए लाभदायक है बल्कि माताओं के स्वस्थ्य के लिए भी अत्यन्त फायदेमंद है। इसके द्वारा स्वस्थ परिवार का निर्माण होता है।

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01 August 2019, 17:00