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शांति की हवा में तीर्थयात्रा में भाग लेते युवा शांति की हवा में तीर्थयात्रा में भाग लेते युवा 

कोरिया की शांति तीर्थयात्रा में विश्व युवा दल के प्रतिभागी

15 देशों के करीब 90 से अधिक काथलिक युवा, दक्षिण कोरिया में वार्षिक "शांति की हवा" तीर्थयात्रा में भाग ले रहे हैं, जो सियोल महाधर्मप्रांत द्वारा आयोजित किया गया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

दक्षिणी कोरिया, मंगलवार, 20 अगस्त 2019 (रेई)˸ दक्षिणी कोरिया के डीमिलिटराइज़ड ज़ोन (उत्तर और दक्षिण कोरिया को विभाजित करने वाला क्षेत्र) में इन दिनों 6 दिवसीय वार्षिक शांति यात्रा चल रही है जिसमें काथलिक युवाओं का एक अंतरराष्ट्रीय दल भाग ले रहा है।  

डीमिलिटराइज़ड ज़ोन पर 2019 की विश्व युवा तीर्थयात्रा में 15 देशों (दक्षिण कोरिया, जर्मनी, पूर्वी तिमोर, अमरीका, माल्टा, सेर्विया, भारत, जापान, ग्रेट ब्रिटेन, यूगांडा, चीन, कम्बोडिया, तंजानिया और हंगरी) के 90 से अधिक काथलिक युवा भाग ले रहे हैं। जो 16 से 22 अगस्त तक आयोजित किया गया है।   

प्रतिभागी चार देशों से डीमिलिटराइज़ड ज़ोन की ओर यात्रा कर रहे हैं। इस तीर्थयात्रा की पहल सियोल महाधर्मप्रांत के कोरियाई लोगों के मेल-मिलाप समिति द्वारा की गयी है और इसे कोरिया एवं विश्व में शांति के लिए संस्कृति, खेल और पर्यटन मंत्री एवं एकीकरण मंत्री का समर्थन प्राप्त है।

शुक्रवार को तीर्थयात्रा का उद्घाटन करते हुए कार्डिनल अंड्रू येओम सो जुंग ने कहा, "मैं आशा करता हूँ कि आप जब प्रकृति माता को अनुभव कर रहे हैं और उस पर चिंतन कर रहे हैं, आप महसूस कर सकते हैं कि हमारे जीवन के लिए शांति कितनी महत्वपूर्ण है। संत पापा के आह्वान को पुनः स्मरण दिलाते हुए महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि हमें पृथ्वी और प्रकृति माता जो हमारा आमघर है, उसके साथ सह-अस्तित्व के लिए सामंजस्यपूर्ण तरीका खोजने की आवश्यकता है।

मेल-मिलाप

कार्डिनल ने प्रार्थना की कि "शांति की हवा" तीर्थयात्रियों को अपने आपसे, पड़ोसियों से, पर्यावरण से और ईश्वर से, मेल-मिलाप करने की शक्ति प्रदान करे।

6 दिवसीय इस तीर्थयात्रा में ख्रीस्तयाग, मोमबत्ती जुलूस, प्रवचन, अनुभव बांटना, प्रस्तुतिकरण, बहस, सामुदायिक क्रिया-कलाप और उत्तर कोरिया के शरणार्थी युवाओं के द्वारा टॉक शो किया जाएगा।

कार्डिनल येओम और दक्षिण कोरिया के प्रेरितिक प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष अल्फ्रेड जुरेब ने सोमवार को युवा तीर्थयात्रियों के साथ ख्रीस्तयाग अर्पित किया।

मंगोलिया की सलेशियन धर्मबहन अग्नेस ने ऊका न्यूज़ से कहा, "मैं उम्मीद करती हूँ कि "शांति की हवा" एक परिवर्तन की हवा लायेगी। मैंने न केवल कोरिया के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रार्थना की है।"  

"शांति की हवा" का आयोजन 2012 से ही किया जाता है जिसमें युवा डीमिलिटराइज़ड ज़ोन की तीर्थयात्रा करते हुए इसके इतिहास, संस्कृति और शांति पर चिंतन करते हैं।

विभाजन

द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में जापानी आत्मसमर्पण के बाद, 1945 में, अमेरिकी और सोवियत संघ ने कोरियाई प्रायद्वीप को 38वें समानांतर में विभाजित कर दिया था।

सोवियत संघ द्वारा पुन:एकीकरण प्रस्ताव को ठुकरा दिए जाने के बाद भी प्रायद्वीप विभाजित है।

दोनों कोरिया के बीच तनाव बढ़ने के साथ, उत्तर कोरिया ने 1950 में दक्षिण कोरिया पर आक्रमण किया था। दोनों तकनीकी रूप से अभी भी युद्ध की स्थिति में हैं क्योंकि 1950-53 का संघर्ष एक युद्धविराम के रूप में समाप्त हुआ था, न कि शांति संधि के रूप में।

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20 August 2019, 16:26