इटली के समुद्री तटों पर पहुँचनेवाले शरणार्थी इटली के समुद्री तटों पर पहुँचनेवाले शरणार्थी 

बच्चों को दी जाये प्राथमिकता, यूनीसेफ

भूमध्यसागर में आप्रवासियों की नावों को लेकर इटली तथा यूरोप के अन्य राष्ट्रों में जारी वाद-विवाद की पृष्ठभूमि में संयुक्त राष्ट्र संघीय बाल निधि यूनीसेफ ने चेतावनी दी है कि राजनैतिक निर्णयों से पूर्व बच्चों की रक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिये।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

न्यूयॉर्क, शुक्रवार, 16 अगस्त 2019 (रेई,वाटिकन रेडियो): भूमध्यसागर में आप्रवासियों की नावों को लेकर इटली तथा यूरोप के अन्य राष्ट्रों में जारी वाद-विवाद की पृष्ठभूमि में संयुक्त राष्ट्र संघीय बाल निधि यूनीसेफ ने चेतावनी दी है कि राजनैतिक निर्णयों से पूर्व बच्चों की रक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिये।

जीवन रक्षा को प्राथमिकता

यूरोप एवं एशिया में यूनीसेफ के समन्वयकर्त्ता अफ़शान खान ने कहा, "यह अनुचित है कि भूमध्य सागर में फंसे बच्चों के जीवन को बचाने के बजाय एक बार फिर राजनीतिक विकल्पों को प्राथमिकता दी गई।"   

इस समय लगभग 130 बच्चे वाइकिंग ओशन और ओपन आर्म्स पोतों पर सवार हैं। सूचना मिली है कि वाइकिंग ओशन के 103 बच्चों में से केवल 11 बच्चों के माता-पिता या अभिभावक उनके साथ हैं।

यूनीसेफ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि ये बच्चे जिनमें से कई हिंसा, संघर्ष और अकल्पनीय अत्याचारों से बचने के लिये अपने घरों से भाग निकले हैं इन्हें सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिये। यूनिसेफ का आग्रह है कि इन बच्चों और नावों पर सवार सभी लोग सुरक्षित रूप से नावों से उतर सकें तथा इन्हें एक सुरक्षित आश्रय तुरंत उपलब्ध हो सके।

बचाव अपराध नहीं हो सकता

विज्ञप्ति में कहा गया कि कमजोर बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के बचाव कार्य को अपराध नहीं माना जाना चाहिये। शरणार्थी और प्रवासी बच्चों के स्वागत और पहचान की सुविधाओं के लिये  एक सुरक्षित और पर्याप्त आश्रय सुनिश्चित किया जाना चाहिये और साथ ही इनके लिये स्वास्थ्य देखभाल, मनोवैज्ञानिक सहायता और शरण प्रक्रियाओं की त्वरित पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिये।

यूनीसेफ की विज्ञप्ति में कहा गया कि हालांकि यूरोपीय देशों की सरकारों द्वारा शरणार्थियों एवं आप्रवासियों के लिये किये गये एकात्मता के कार्यों को वह स्वीकार करता है तथापि, बच्चों को समुद्र में नहीं रोका जाना चाहिये और न ही उन्हें यूरोपीय तटों पर जलमग्न होने दिया जाना चाहिये। राजनैतिक विचार-विमर्श को अब केवल जीवन की रक्षा पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिये।   

   

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16 August 2019, 12:01