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भारतीय धर्माध्यक्ष द्वारा कश्मीर के लिए प्रार्थना की अपील

भारत के भला चरवाहा गिरजाघर के प्रोटेस्टंट धर्माध्यक्ष माननीय जोसेफ डीसूजा ने एक पत्र प्रकाशित कर विश्वभर के ख्रीस्तियों से अपील की है कि वे कश्मीर के लिए प्रार्थना करें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, शनिवार, 17 अगस्त 2019 (एशियान्यूज)˸ कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को ख़त्म करने का एलान करने के साथ  भारत और पाकिस्तान की सीमा पर बढ़े तनाव के मद्देनजर, इस मुद्दे पर विचार-विमर्स करने हेतु संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 16 अगस्त को एक सभा बुलायी थी। धर्माध्यक्ष जोसेफ डीसूजा ने कश्मीर के लिए प्रार्थना की मांग की है।

भारत के भला चरवाहा गिरजाघर के प्रोटेस्टंट धर्माध्यक्ष माननीय जोसेफ डीसूजा ने एक पत्र प्रकाशित कर विश्वभर के ख्रीस्तियों से अपील की है कि वे कश्मीर के लिए प्रार्थना करें।

5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने की घोषणा की गयी थी।

धर्माध्यक्ष ने लिखा, "ख्रीस्तियों को शांति के राजकुमार से प्रार्थना करना चाहिए ताकि हमारे देश में शांति का राज स्थापित हो सके।"  

धर्माध्यक्ष डीसूजा के अनुसार, निर्णय ने पाकिस्तान के साथ पहले से जो तनाव था उसे बढ़ा दिया है और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे का वैश्वीकरण करने की धमकी दी है।   

इस बीच, 1965 के बाद पहली बार, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 16 अगस्त को कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा की। सभा जो पाकिस्तान सरकार के आग्रह पर किया गया जिसे चीन का समर्थन प्राप्त है।

धर्माध्यक्ष डीसूजा की अपील

धर्माध्यक्ष ने लिखा, "विश्वभर के ख्रीस्तियों को कश्मीर के लिए प्रार्थना करनी चाहिए क्योंकि क्षेत्र में तनाव 5 अगस्त के बाद से बढ़ गया है, जब भारत ने राज्य पर लंबे समय से चले आ रहे "विशेष दर्जा" को हटा दिया है और  कश्मीर के भारत प्रशासित क्षेत्रों को केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष नियंत्रण में रख दिया है।"

उन्होंने कहा है कि मैं भारतीय, पाकिस्तानी और सभी ख्रीस्तियों से आग्रह करता हूँ कि वे शांति के राजकुमार ख्रीस्त से प्रार्थना करें ताकि हमारे क्षेत्र में और पूरे देश में शांति स्थापित हो सके, जैसा कि ईश्वर ने हमें शांति और समृद्धि की खोज करने के लिए बुलाया है। (येरे. 29:7)

उन्होंने कहा कि उन्हें हिन्दू, मुस्लिम और अन्य धर्मों के लोगों की स्वतंत्रता के लिए भी प्रार्थना करनी है जो इस राजनीतिक तनाव में फंसे हुए हैं।  हमें प्रार्थना करना है ताकि कोई भी किसी भी रूप में नफरत करने को बढ़ावा देने के बदले हमेशा हर इंसान में निहित गरिमा और ईश्वर प्रदत्त अंतःकरण की स्वतंत्रता को मान्यता दे।

उन्होंने अंत में कहा है कि जैसा कि संत पौलुस ने प्रार्थना की थी हम भी प्रार्थना के द्वारा शांतिपूर्ण एवं भला जीवन व्यतीत कर सकते हैं।  

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17 August 2019, 16:34