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विश्व आदिवासी दिवस दिल्ली में मनाई जायेगी

भारत के आदिवासी समुदायों ने विश्व आदिवासी दिवस की रजत जयन्ती मनाने का निश्चय किया है जिसके लिए तीन दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजिन किया गया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

पूरे भारत के आदिवासियों द्वारा यह कार्यक्रम 9-11 अगस्त को नई दिल्ली में मनाया जाएगा। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पड़ोसी देशों से भी अतिथियों के आने की उम्मीदें की जा रही हैं।    

कार्यक्रम की घोषणा करते हुए एक पत्रक में कहा गया है कि भारत के आदिवासी और आदिवासी दिल्ली-एनसीआर, 50 से अधिक जनजातीय संगठनों और समूहों के साथ मिलकर कार्यक्रम का आयोजन करेगा।

समारोह का उद्देश्य है आदिवासी लोगों की विशिष्ट पहचान, संस्कृति, इतिहास और भाषा को एक मंच पर मनाना तथा आदिवासी दलों के बीच संवैधानिक प्रावधान, अधिकार, संस्कृतियां, रीति-रिवाज और प्रथाओं के बारे जागृति लाना।

पत्रक में कहा गया है कि जनजातीय समूहों को उनके सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक अधिकारों का दावा करने और संस्कृतियों और समुदायों की एकता को बढ़ावा देना है।

कार्यक्रम के आयोजकों का कहना है कि "आदिवासी समुदाय को अन्याय, शोषण, बहिष्कार और अनिश्चित मानवीय क्रियाएँ जिनसे पृथ्वी को हानि पहुँची है उनके कारण बहुत कष्ट झेलना पड़ा है।"  

तीन दिवसीय कार्यक्रम में 9 अगस्त को जंतर-मंतर के पास आदिवासी सांस्कृतिक घटनाओं को प्रस्तुत किया जायेगा, दूसरे-दिन विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी जबकि अंतिम दिन आदिवासी सांस्कृतिक जुलूस, फैशन शो, सांस्कृतिक नृत्य का कार्यक्रम रखा गया है। 10 और 11 अगस्त के कार्यक्रम इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र में सम्पन्न किये जायेंगे।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 दिसम्बर 1994 को, 9 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस घोषित किया था। इसकी घोषणा विश्वभर के आदिवासियों के अधिकारों की पुष्टि करने के लिए किया गया है।  

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08 August 2019, 16:40