रोहिन्याई शरणार्थी शिविर का एक परिवार रोहिन्याई शरणार्थी शिविर का एक परिवार 

कार्डिनल ताग्ले एवं कार्डिनल बो द्वारा रोहिन्याई शिविर का दौरा

अंतरराष्ट्रीय कारितास के अध्यक्ष कार्डिनल लुईस अंतोनियो ताग्ले और एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ के अध्यक्ष म्यानमार के कार्डिनल चार्ल्स बो ने बंगलादेश के कॉक्स बाजार स्थित रोहिन्याई शरणार्थी शिविरों का दौरा किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

बंगलादेश, बृहस्पतिवार, 1 अगस्त 19 (रेई)˸ एशियाई कलीसिया के दो प्रमुख धर्मगुरूओं ने बंगलादेश की दो दिवसीय यात्रा में दक्षिण-पूर्वी बंगलादेश के कॉक्स बाजार स्थिति शरणार्थी शिविरों का दौरा किया।

रविवार को उन्होंने बंगलादेश के शरणार्थी शिविर एवं प्रत्यावर्तन आयोग के प्रमुख मोहम्मद अबुल कलाम से मुलाकात की। प्रत्यावर्तन आयोग कॉक्स बाजार के 30 शरणार्थी शिविरों में रहने वाले एक मिलियन रोहिन्याओं की देखरेख करने वाला आयोग है।  

कार्डिनल ताग्ले और कार्डिनल बो को शिविरों का दौरा करने में ढाका के कार्डिनल पैट्रिक डी रोजारियो, चित्तागाँव के महाधर्माध्यक्ष मोजेस कोस्ता एवं राजशाशी के धर्माध्यक्ष जेरवास रोजारियो ने साथ दिया।

रोहिन्या

रोहिन्या मुख्य रूप से मुस्लिम जातीय समूह है जो बंगलादेश की सीमा पर म्यानमार के पश्चिम में रखाईन प्रांत में थी। बौद्ध बहुल म्यानमार रोहिन्याई लोगों को बंगलादेश से अवैध रूप से प्रवेश किये हुए आप्रवासी मानता है यद्यपि वे कई पीढ़ियों से वहाँ निवास कर रहे थे।

उनकी नागरिकता को 1982 में सरकार के सैन्य शासन द्वारा पारित एक राष्ट्रीयता कानून के तहत अस्वीकृत किया गया है। वे वस्तुतः नागरिकता से रहित हैं और उन्हें आंदोलन की स्वतंत्रता और अन्य बुनियादी अधिकारों से वंचित किया गया है।

बंगलादेश में इस समय 1.1 मिलियन रोहिन्या शरणार्थी हैं जिनमें से अधिकांश 2016 और 2017 में म्यांमार के रखाईन प्रांत में दो घातक सैन्य कारर्वाइयों के समय कॉक्स बाजार की ओर भाग गए थे।  

सरकार द्वारा कलीसिया के प्रयास की सराहना

अबुल कलाम ने कहा कि वे काथलिक कलीसिया के धर्मगुरूओं के इस दौरे से प्रभावित हैं। उन्होंने उन्हें वहाँ के संकट का अवलोकन प्रस्तुत किया।

उन्होंने ऊकान को बलताया कि "मैंने उन्हें उन बड़ी चुनौतियों से अवगत कराया जो हम सामना कर रहे हैं और शरणार्थियों के लिए कारितास द्वारा की गई विभिन्न गतिविधियों की सराहना की।" अबुल ने कहा कि हमने उनसे कलीसिया का समर्थन जारी रखने की अपील की है। मैं मानता हूँ कि कार्डिनलों के पास शरणार्थियों की समस्याओं के समाधान हेतु अच्छे उपाय हैं विशेषकर, मानसून के समय, साथ ही साथ स्वस्थ्य एवं पर्यावरण संबंधी समस्याओं के लिए।   

कार्डिनलों ने शिविर 4 और शिविर 17 में कई रोहिन्याई परिवारों से बातें कीं, जो बड़े शरणार्थी शिविर हैं जिनमें करीब 4,00,000 लोग रहते हैं। उन्होंने कारितास के कर्मचारियों एवं स्वयसेवकों से भी मुलाकातें कीं।

पहुँच

कार्डिनल ताग्ले ने इससे पहले दिसम्बर माह में भी रोहिन्या शरणार्थी शिविर का दौरा किया था जबकि कार्डिनल बो ने पहली बार शरणार्थी शिविर का दौरा किया।

चित्तागाँव कारितास केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक जेम्स गोमेस जिन्होंने यात्रा को समन्वित किया था, ऊकान समाचार को बतलाया कि यह दौरा कारितास अंतरराष्ट्रीय एवं एफएबीसी की ओर से बिल्कुल मानवीय पृष्टभूमि पर था।

कार्डिनल बो ने रोहिन्याई परिवारों से उनकी ही भाषा में बातें कीं, जिससे वे और अधिक उल्लसित और उत्साहित हुए।

जब संत पापा फ्राँसिस ने 2017 में म्यानमार एवं बंगलादेश की प्रेरितिक यात्रा की थी तब उन्होंने 1 दिसम्बर को शरणार्थी शिविर में रोहिन्याई लोगों से मुलाकात की थी। उस समय बंगलादेश के ढाका में शांति के लिए अंतरधार्मिक एवं ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता सभा का भी आयोजन किया गया था।  

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01 August 2019, 17:10