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वेनेजुएला सरकार और विपक्ष के बीच फिर से वार्ता शुरू

वेनेजुएला के विपक्ष और राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता इसी सप्ताह में होगी।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वेनेजुएला, बुधवार 10 जुलाई, 2019 (वाटिकन न्यूज) : वेनेजुएला की सरकार और विपक्ष दल रुकी हुई वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए सहमत हो गए हैं। देश में आर्थिक और मानवीय संकट है, जहां भोजन और चिकित्सा जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा न कर पाने की वजह से वेनेजुएला वासियों का जीवन खतरे में पड़ गया है।

2015 के बाद से, लगभग चार मिलियन लोगों ने वेनेजुएला को छोड़ दिया है, उनमें से अधिकांश पड़ोसी देशों में भाग रहे हैं। दूसरे देशों में शरण चाहने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है।

काथलिक कलीसिया

वेनेजुएला में काथलिक कलीसिया संकट में पड़े लोगों की सहायता करने की कोशिश कर रही है। वेनेजुएला के एक कार्डिनल ने सरकार पर डराने-धमकाने का आरोप लगाया है और उसने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के साथ बातचीत में शामिल होने की अपनी अपील दोहराई है।

‘जरुरत मंद कलीसिया की सहायता’ नामक परमधर्मपीठीय संगठन के साथ हुए साक्षात्कार में मोंटिडा के महाधर्माध्यक्ष बाल्टासार पोरस, काराकास के प्रेरितिक प्रशासक और कारितास वेनेजुएला के निदेशक ने कलीसिया के अधिकारियों और संगठनों के खिलाफ सरकार द्वारा सीमित सीमाओं पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि जो लोग कमजोर, जरुरतमंद लोगों और यहां तक ​​कि अपने पल्ली वासियों की सहायता कर रहे हैं, उनपर लगातार राहत कार्य को रोकने के लिए दबाव डाला जा रहा है।

राजनीतिक वार्ता

इस बीच, कैरिबियाई राष्ट्र बारबाडोस, वेनेजुएला की सरकार और विपक्ष के बीच रुकी हुई वार्ता को फिर से शुरू कराने हेतु मेजबानी करने के लिए तैयार है।

नॉर्वे, जिसने प्रारंभिक वार्ता की मेजबानी की और लंबी प्रक्रिया की मध्यस्थता कर रहा है, का कहना है कि बारबाडोस में अगले दौर की चर्चा का उद्देश्य संवैधानिक समझौते की दिशा में आगे बढ़ना है।

जुआन ग्वीदो के नेतृत्व में विपक्ष चाहता है कि राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के प्रशासन की जगह एक परिवर्तनकालिक सरकार बनाई जाए और फिर अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों द्वारा मुक्त चुनावों की निगरानी की जाए।

ग्वीदो ने जोर देकर कहा कि वे वैध अंतरिम राष्ट्रपति है, जिसे दुनिया भर में पचास से अधिक देशों द्वारा मान्यता प्राप्त है। जबकि मादुरो ने कहा कि वे लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति हैं।

विपक्ष पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव की निष्पक्षता पर विवाद करता है।

इस बीच वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था में संकटों से लेकर आपदा तक और इसके साथ ही अति-मुद्रास्फीति में तीव्र कमी है। मादुरो अमेरिकी प्रतिबंधों को दोषी ठहराते हैं, जबकि ग्वीदो कहते हैं कि यह भ्रष्टाचार और वर्षों पुराने कुप्रबंधन के परिणाम है।

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10 July 2019, 16:51