प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष बेर्नार्दितो औज़ा प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष बेर्नार्दितो औज़ा  

फिलिस्तीन एवं मध्य पूर्व की स्थिति पर महाधर्माध्यक्ष औजा का बयान

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने फिलिस्तीन एवं मध्य पूर्व की स्थिति पर हुए खुले बहस के दौरान परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक एवं प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष बेर्नार्दितो औज़ा ने अपना बयान प्रस्तुत किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

न्यूयॉर्क, बुधवार 24 जुलाई 2019 (रेई) : परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष औज़ा ने सुरक्षा परिषद में अपना बयान देते हुए कहा कि  पिछले महीने सुरक्षा परिषद में, मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया के लिए विशेष समन्वयक, निकोले म्लाडेनोव  ने गाजा में हिंसा के खतरनाक होने के साथ-साथ वेस्ट बैंक में जारी हिंसा का उल्लेख किया।

समाधानः दो अलग राज्य

दोनों पक्षों के साथ आंतरिक विभाजनों में एकता का अभाव, विश्वास के माहौल को खत्म कर रहा है। खतरनाक बयानबाजी और अतिवादी विचारधारा से प्रेरित, विश्वास की यह कमी दुखद और तेजी से हिंसक कृत्यों में बदल सकती है जिससे निर्दोष फिलिस्तीनियों और इजरायलियों का जीवन  खतरे में पड़ सकता है। यह तनावपूर्ण व्यापक क्षेत्र को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। ऐसी स्थिति, खुली बहस को अनुमति नहीं दे सकती है कि वे जाने-माने तथ्यों का पूर्वाभ्यास करें और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर दो-राज्य के समाधान तक पहुँचने के बाद इसकी परेशानियों और बाधाओं पर टिप्पणी करें। परंतु इसे कार्रवाई करने के लिए नेतृत्व करना चाहिए।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि मुख्य रूप से संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी के उदार दान के माध्यम से, फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य बुनियादी सेवाएं प्रदान की जा रही है। भोजन और पानी की बढ़ती मांग के साथ युवा पीढ़ी के लिए पहले से ही उच्च बेरोजगारी और सीमित संभावनाएं हैं। जबकि मानवीय और आर्थिक समर्थन वार्ता के लिए वातावरण बनाने के अलावे स्थायी शांति और व्यापक समाधान के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और रचनात्मक संवाद की आवश्यकता है।

बदतर मानवीय संकट

महाधर्माध्यक्ष ने मध्य पूर्व की स्थिति विशेषकर सीरिया की स्थिति पर गौर करते हुए कहा कि हम सीरिया में अभी भी अस्थिर क्षेत्रों को अनदेखा नहीं कर सकते, जहां एक बदतर मानवीय संकट का खतरा है। हम भोजन, चिकित्सा देखभाल और स्कूली शिक्षा की कमी, अनाथ, विधवाओं और घायलों के प्रति बहरे नहीं हो सकते। संत पापा फ्रांसिस ने 22 जुलाई को अपने पत्र में राष्ट्रपति बशर अल-असद को, सीरिया में मानवीय स्थिति के लिए और विशेष रूप से, इदलिब की आबादी के सामने आने वाली नाटकीय परिस्थितियों के लिए गहरा विरोध व्यक्त किया। उन्होंने उनकी सुरक्षा के लिए और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का सम्मान हेतु अपने आह्वान को नवीनीकरण किया।

यमन

यमन में बिगड़ती मानवीय स्थिति भी गंभीर चिंता का कारण है, खासतौर पर तब जरूरतमंद लोग भोजन और चिकित्सा से वंचित हैं। होलिडाह समझौते के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र मिशन को नवीनीकृत करने हेतु संकल्प 2481 के अनुसार 15 जुलाई को परिषद ने एक आवश्यक कदम उठाया जो गवर्नरेट में युद्ध विराम के कार्यान्वयन को मजबूत करता तथा प्रावधानों और आवश्यक आपूर्ति को सुविधाजनक बनाने हेतु एक आवश्यक कदम था। वाटिकन प्रवेक्षक आऊजा ने इन क्षेत्रों में हथियारों की बिक्री की अनुमति दिये जाने पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मध्य पूर्व में शांति लाने हेतु मानवीय कार्रवाई की आवश्यकता है।

इन क्षेत्रों में सहिष्णुता की संस्कृति, दूसरों की स्वीकार्यता और शांति से एक साथ रहने के लिए और भी अधिक संवाद को बढ़ावा देना आवश्यक है, इस तरह, वे आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और पर्यावरणीय समस्याओं को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं जो मानवता के एक बड़े हिस्से पर बहुत अधिक प्रभाव डालते हैं।

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24 July 2019, 16:20