वाशिंगटन में माईक पेन्स धार्मिक स्वतंत्रता पर सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए, 18.07.2019 वाशिंगटन में माईक पेन्स धार्मिक स्वतंत्रता पर सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए, 18.07.2019 

धार्मिक उत्पीड़न एक विश्वव्यापी समस्या, पेन्स, पोम्पेओ

संयुक्त राज्य अमरीका के उपराष्ट्रपति माईक पेन्स तथा राज्य सचिव माईक पोमपेओ ने गुरुवार को वाशिंगटन में धार्मिक स्वतंत्रता पर आयोजित एक विश्व सम्मेलन में कहा कि धार्मिक उत्पीड़न एक विश्वव्यापी समस्या है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाशिंगटन, शुक्रवार, 19 जुलाई 2019 (सी.एन.आ.): संयुक्त राज्य अमरीका के उपराष्ट्रपति माईक पेन्स तथा राज्य सचिव माईक पोमपेओ ने गुरुवार को वाशिंगटन में धार्मिक स्वतंत्रता पर आयोजित एक विश्व सम्मेलन में कहा कि धार्मिक उत्पीड़न एक विश्वव्यापी समस्या है।   

अन्तःकरण की स्वतंत्रता तथा अपने गहनतम धार्मिक विश्वास के आधार पर जीने का हर व्यक्ति को अधिकार विषय पर अमरीका के राज्य विभाग द्वारा 15 से 19 जुलाई तक सम्पन्न सम्मेलन में 106 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों तथा नागर समाज के नेताओं ने भाग लिया।

धार्मिक विश्वास उत्पीड़न का कारण

सम्मेलन में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार बने कई लोगों ने अपने साक्ष्य प्रस्तुत किये। उपराष्ट्रपति माईक पेन्स ने कहा कि इन लोगों को कारावास, सामुदायिक हिंसा तथा राज्य द्वारा स्वीकृत आतंक का शिकार बनाया गया था, जबकि, कई अन्य लोगों को उनके विश्वास के ख़ातिर मार डाला गया है।   

काथलिक धर्मानुयायी उपराष्ट्रपति माईक पेन्स ने कहा, "व्यक्तिगत स्तर पर येसु ख्रीस्त में मेरे विश्वास ने मेरे एवं मेरे परिवार के जीवन को अर्थ और लक्ष्य प्रदान किया है और मेरी आशा है कि सभी लोगों को अपने विश्वास के आधार पर जीने का अधिकार मिल सके।"  

धार्मिक स्वतंत्रता विश्वव्यापी चिन्ता

इसी बीच, सम्मेलन को अमरूकी राज्य सचिव माईक पोमपेओ ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा, "धार्मिक स्वतंत्रता केवल ईसाई चिंता, एक यहूदी चिंता, एक मुस्लिम चिंता,  एक बौद्ध चिंता, एक हिंदू चिंता अथवा एक मानवतावादी चिंता नहीं है। यह हम सब की चिंता का विषय है; यह हर किसी की चिंता है।"

श्री पेन्स एवं श्री पोमरेओ ने उन राष्ट्रों की ओर ध्यान आकर्षित कराया जहाँ नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता को कुंठित किया जाता है। इनमें उन्होंने क्यूबा, निकारागुआ, वेनेज़ुएला में धार्मिक नेताओं का उत्पीड़न, यूरोप में सामीवाद विरोधी भावनाओं की उपस्थिति, ईराक एवं सिरिया में ख्रीस्तीयों एवं येज़दियों के नरसंहार, ईरान, चीन एवं उत्तरी कोरिया में अल्पसंख्यकों के धार्मिक उत्पीड़न तथा म्यानमार में रोहिंगिया मुसलमानों के जाति सफ़ाया कार्यक्रम को गिनाया।  

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19 July 2019, 11:39