पाकिस्तान का एक गिरजाघर पाकिस्तान का एक गिरजाघर  

19 साल का पाकिस्तानी ख्रीस्तीय ईशनिंदा के लिए गिरफतार

पंजाब में क्रिकेट मैच को लेकर हुए झगड़े के बाद सन्नी वकास को ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले उनका एक मुस्लिम पड़ोसी के साथ विवाद हुआ था। मां कहती है कि उसके बेटे के "कई मुस्लिम दोस्त" हैं, "वह कभी भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कुछ भी नहीं कर सकता।"

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

इस्लामाबाद, बुधवार, 10 जुलाई, 2019 (एशिया न्यूज) :19 वर्षीय पाकिस्तानी ख्रीस्तीय लड़के सन्नी वकास को ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दक्षिण एशियाई राष्ट्र में इस अपराध के लिए मौत की सजा दी जाती है।

 सन्नी वकास पंजाब राज्य में बहावलनगर के एक हाई स्कूल में स्वास्थ्य विज्ञान की पढ़ाई कर रहा है।

सन्नी को लगाये गये आरोप में पैगंबर मुहम्मद के बारे में ईशनिंदा सामग्री शामिल है। वास्तव में, एक क्रिकेट मैच को लेकर एक मुस्लिम पड़ोसी ने आरोप लगाया। युवक को 29 जून को गिरफ्तार किया गया जब वह एक दोस्त के घर के पीछे अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था। पुलिस ने उसे पाकिस्तानी दंड संहिता के 295-सी का उल्लंघन करने का आरोप लगाया, जिसे आमतौर पर ईशनिंदा कानून के रूप में जाना जाता है, जो पैगंबर (मुहम्मद) के खिलाफ अपमान की सजा देता है।

द वॉयस सोसाइटी एसोसिएशन की रिपोर्ट है कि जब सन्नी घर नहीं आया तो उसके परिवार ने  तलाश करना शुरू किया। उसकी तलाश में जब माता-पिता पुलिस स्टेशन गए, तो उन्हें बताया गया कि सन्नी के नाम से कोई भी व्यक्ति हिरासत में नहीं है और उन्हें कहीं और देखना चाहिए।

केवल अगले दिन, उन्हें सूचित किया गया कि उनके पड़ोसी बिलाल अहमद ने उनके बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। पुलिस के अनुसार, युवक के पास एक बैग था और जिसमें उड़ाका और ईशनिंदा सामग्री थीं।

सन्नी के माता पिता बहुत हताश हैं। पिता मुश्ताक मसीह ने कहा कि सन्नी "एक उज्ज्वल छात्र हैं और क्रिकेट का भी शौकीन हैं। वह अपने खाली समय में क्रिकेट खेलता है। कुछ दिनों पहले उनका बिलाल अहमद सहित कुछ मुस्लिम खिलाड़ियों के साथ झगड़ा हुआ था।”

सन्नी की माँ कहती है कि उसके बेटे के "कई मुस्लिम दोस्त हैं। वह कभी भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए कुछ नहीं कर सकता। वह एक आज्ञाकारी बेटा है और अंतर-विश्वास के मुद्दों के प्रति बहुत संवेदनशील है।"

फिलहाल, उन्हें बहावलपुर जिला जेल में रखा गया है, क्योंकि पुलिस जांच के लिए सबूत जुटा रही है। सामाजिक कार्यकर्ता सालों से शिकायत करते आ रहे हैं कि निजी दुश्मनी को निपटाने के लिए धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ ईशनिंदा पर "काला कानून" का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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10 July 2019, 16:11