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असम में बाढ़ में डूबा एक गाँव असम में बाढ़ में डूबा एक गाँव 

भारी वर्षा एवं जल का अभाव जलवायु आपातकाल अनुस्मारक

दक्षिण एशिया जब मॉनसून के हमले का सामना कर रहा है वहीं लाखों लोगों को सूखे की मार झेलनी पड़ रही है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

भारत, बृहस्पतिवार, 16 जुलाई 19 (वाटिकन न्यूज)˸ दक्षिण एशिया में भारी मॉनसून वर्षा के कारण इमारतों के ढाहने, भूस्खलन और बाढ़ से कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई है और लगभग 1.5 मिलियन अन्य लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

नेपाल, उत्तरी भारत

रविवार को अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार भारी वर्षा से बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण नेपाल में करीब 50 लोगों की मौत हो गयी है। जिसमें से ज्यादातर लोग भारत और बंगलादेश की सीमा के हैं।

नेपाल के राष्ट्रीय आपात संचालन केंद्र ने कहा है कि नेपाल में करीब 30 लोग लापता हैं जो या तो नदी में बह गये अथवा भूस्खलन में दब कर मर गये हैं।  

30 लोगों का ईलाज चल रहा है तथा 1,100 लोगों को बाढ़ से बचा लिया गया है, जबकि करीब 10,000 लोगों को घर छोड़ना पड़ा है।

नेपाल के जल विज्ञान और मौसम विज्ञान विभाग ने मुख्य नदियों के पास दक्षिणी क्षेत्र के लिए और अधिक परेशानी की चेतावनी दी है और लोगों से कहा है कि वे बढ़ते जल स्तर पर निगरानी रखें और जरूरत पड़ने पर उच्च भूमि की ओर जाने का आग्रह किया है।

दक्षिण एशिया के कई अन्य हिस्सों में बारिश से बाढ़, भूस्खलन और बिजली गिरने के कारण तबाही हुई है।

उत्तर में हिमाचल प्रदेश राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में बारिश के बाद रविवार को ढह गई तीन मंजिला इमारत के मलबे से बरामद एक दर्जन शवों में से ग्यारह सैनिकों के थे और एक नागरिक भी मारा गया। सोलन शहर में बचाए गए 31 लोगों में से कई सैनिक थे।

बंगलादेश

बंगलादेश में कम से कम एक दर्जन लोग मारे गये हैं जिनमें से अधिकतर किसान हैं उनकी मृत्यु शनिवार को बिजली गिरने से हुई।

बंगलादेश कॉक्सबाजार जिसमें म्यानमार से भागने के बाद करीब एक मिलियन से अधिक रोहिन्याई शरणार्थी रहते हैं, वहाँ इस महीने कम से कम 58.5 सेमी बारिश हुई है। शिविर में सैंकड़ों भूस्खलन से करीब 10 लोगों की मौत हो गयी है।

जल विकास बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि लगभग 40,000 लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर अपने ही घरों में डूब गये हैं।

उत्तर-पूर्वी भारत

उत्तरी पूर्वी भारत के एक अधिकारी ने कहा है कि बाढ़ से करीब 14 लोग मारे गये हैं तथा एक मिलियन से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। पड़ोसी राज्य अरूणाचल प्रदेश में छः लोगों की मौत हो गयी है।

बाढ़ और भूस्खलन ने उत्तरी भारत के अन्य राज्यों को भी प्रभावित किया है जिनमें से प्रमुख हैं – मेघालय, सिक्किम और मिजोराम।

इस महीने की शुरुआत में, मुंबई में एक दशक में सबसे अधिक बारिश हुई, जिससे कई मौतें हुईं और रेल, सड़क और हवाई परिवहन सेवाएं बुरी तरह बाधित हुईं।

महाराष्ट्र राज्य में नदी के किनारे के 75 गाँव, जिनमें मुम्बई भी शामिल है, सोमवार को अलर्ट जारी किया गया था क्योंकि दो प्रमुख बाँधों का जल स्तर बहुत अधिक बढ़ गया था।

पानी का अभाव

भारत में एक ओर बाढ़ की स्थिति है वहीं दूसरी ओर लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। दक्षिण भारत के तमिलनाडू में पानी के अभाव के कारण स्थिति बहुत खराब हो गयी है। स्थानीय लोगों को टैंकरों से रोज दिन पानी लेने के लिए घंटों लाईन में खड़ा रहना पड़ता है। शहर के अस्पतालों में निजी टैंकरों से भारी मात्रा में पानी की आपूर्ति की जा रहा है क्योंकि नल सूखे पड़े हैं।

यह आशंका है कि अपर्याप्त और अनियमित मॉनसून वर्षा के कारण पानी की भारी कमी तेलंगाना राज्य में हैदराबाद और सिकंदराबाद के जुड़वां शहरों को अपंग कर सकती है। इक्कीस अन्य भारतीय शहर भी पानी की कमी से जूझ रहे हैं।

देश का जल संकट इस बात की याद दिलाता है कि किस प्रकार जलवायु परिवर्तन तेजी से जलवायु आपातकाल में लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है।

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16 July 2019, 16:54