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सिमोने करिपुना सिमोने करिपुना  कहानी

अपनी भूमि की रक्षा के लिए संघर्षरत करिपुना के आदिवासी

करिपुना जाति की सिमोने जो ब्राजील के उआका आदिवासी क्षेत्र में रहती हैं। यह क्षेत्र अमापा के उत्तरी भाग में एवं फ्रेंच ग्याना की सीमा पर स्थिति है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

"यदि हम अपने क्षेत्र को खान कम्पनियों को कब्जा करने दे देंगे तो यह एक उदाहरण  बन जाएगा और वे हमारे किसी भी समुदाय में प्रवेश करने लगेंगे, जिसका अर्थ है हमारी मौत।" उक्त बात सिमोने ने "वॉइस ऑफ अमेजन" से कही।  

करिपुना जाति की सिमोने ब्राजील के उआका आदिवासी क्षेत्र में रहती हैं। यह क्षेत्र अमापा के उत्तरी भाग में एवं फ्रेंच ग्याना की सीमा पर स्थिति है।  

"वॉइस ऑफ अमेजन" (पान-अमेजन कलीसियाई नेटवर्क रेपाम संचार टीम) को दिए एक साक्षात्कार में सिमोने ने कहा कि सरकार आदिवासी क्षेत्र में विकास की जो भी योजना बनाती है उसे स्थानीय लोगों से सलाह लेना और उन्हें सुनना चाहिए।

एक आज्ञप्ति जिसका अर्थ हो सकता है मौत

सिमोने के अनुसार, संघीय सरकार ने हाल ही में तांबा और खान सहकारिता के राष्ट्रीय रिजर्व को अधिकृत करने का फैसला किया है जिसका अर्थ है स्थानीय आदिवासी लोगों की मौत। रेनका तांबा करीब 46,000 वर्ग किलोमीटर में फैला है जहाँ कई समुदाय के लोग रहते हैं।

उन्होंने कहा, "यदि हम उन कम्पनियों को अपने क्षेत्र में प्रवेश करने दे देंगे तो इसका अर्थ है कि वे किसी भी समुदाय में प्रवेश कर लेंगे। हमारे लिए इसका अर्थ है मृत्यु।"

"वॉइस ऑफ अमेजन" के साथ सिमोन का साक्षात्कार

खान कम्पनियों का प्रभाव

सिमोने ने बतलाया कि उस क्षेत्र के लोगों ने एकत्रित होकर आज्ञप्ति को लागू करने से रोकने पर विचार किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें खान कम्पनी के उस क्षेत्र में बस जाने की चिंता है और डर भी है कि उस योजना के द्वारा वहाँ की नदियाँ, झरने और कुएँ दूषित हो जायेंगे, साथ ही साथ वातावरण भी दूषित होगा।

हमारी एकता ही हमारी सुरक्षा

सिमोने ने सरकार के निर्णय पर खेद प्रकट करते हुए कहा, "जब हम ऐसी योजनाओं को सीधे ऊपर से अचानक आते हुए देखते हैं...हम जो अपने क्षेत्र के रक्षक हैं हमें सावधान हो जाना चाहिए, अतः हमने अपने आपकी रक्षा हेतु एकजुट होने का निश्चय किया है। यदि एक समुदाय प्रभावित होता है तो हम सभी प्रभावित होंगे।" सिमोने ने बतलाया कि अमापा और पारा के उत्तर में रेनका क्षेत्र में कुल 11 आदिवासी समुदाय रहते हैं। उन्होंने कहा, "इसके लिए हमें पूछा जाना और हमारी इज्जत की जानी चाहिए। किसी कम्पनी को हमारी भूमि में भेजने से पहले अधिकारियों को चाहिए कि वे हमारी बातों को सुनें।"  

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13 July 2019, 12:41