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भूख से लड़ने के लिए एकात्मता एवं सद्भाव आवश्यक

दुनिया में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में करीब 820 मिलियन से अधिक लोगों के पास पर्याप्त भोजन नहीं था।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 18 जुलाई 19 (रेई)˸ रोम में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के लिए वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक मोनसिन्योर फेरनांदो किको अरेल्लानो ने रिपोर्ट पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "मानव ने अपने सबसे गरीब भाइयों के लिए पर्याप्त जिम्मेदारी नहीं निभायी है।"

करीब 820 मिलियन से अधिक लोग भूखे

फाओ, आईएफएडी, डब्ल्यूएफपी, यूनिसेफ एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को जारी एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा है कि लगभग 820 मिलियन लोगों के पास 2018 में खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं था। उसके पहले साल 811 मिलियन लोगों के पास भोजन की कमी थी।

दुनिया में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र की 2019 की रिपोर्ट अनुसार लगभग एक दशक की प्रगति के बाद, विगत तीन सालों में भूख से पीड़ित लोगों की संख्या में धीरे-धीरे वृद्धि हुई है। आज विश्व में हर नौ में से एक व्यक्ति भूख से पीड़ित है।

रिपोर्ट का उद्देश्य "शून्य भूख" के दूसरे सतत् विकास लक्ष्य (एसडीजी) की दिशा में प्रगति की निगरानी करना है, इसका लक्ष्य भूख की समस्या को दूर करना, खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना और 2030 तक कुपोषण के सभी रूपों को समाप्त करना है।

मोन्सिन्योर ने वाटिकन न्यूज़ से कहा, "भूख की समस्या बढ़ रही है...यह संख्या सचमुच चौकाने वाली है।"

एशिया में ऐसे लोगों की संख्या सबसे अधिक है यहाँ भूखे लोगों की संख्या 513.9 मिलियन है, उसके बाद अफ्रीका में 256.1 और लातिनी अमरीका में 42.5 मिलियन लोग भूखे हैं।

इच्छाशक्ति की कमी

मोनसिन्योर फेरनांदो ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसपर सचमुच अधिक कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए उनमें इच्छा शक्ति की कमी है खासकर, मानव निर्मित कारणों (संघर्ष, आर्थिक संकट और जलवायु परिवर्तन) को दूर करने के लिए। इन तीन कारणों से भूख की समस्या बढ़ती जा रही है।  

वाटिकन कर्मचारियों को दिये, संत पापा फ्राँसिस की सलाह की याद करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व में हरेक व्यक्ति भूख के संकट से जूझने के लिए अपना योगदान दे सकता है। हम भोजन को नष्ट नहीं करने और गरीब व्यक्ति की आवाज को अनसुनी कर आगे नहीं बढ़ने के द्वारा उनकी मदद कर सकते हैं। पल्लियों, गैर-सरकारी संगठनों एवं अन्य संगठनों के द्वारा सराहनीय कार्य किये जा रहे हैं किन्तु और अधिक कार्य किये जाने की जरूरत है।  

एकात्मता

परमधर्मपीठ के अधिकारी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी रिपोर्ट का उद्देश्य है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकात्मता में बढ़े, क्योंकि एकात्मता जो शांति में निवेश है यह भूख से लड़ने का रास्ता है। उन्होंने कहा, "यदि हम भूख को नहीं हरायेंगे, तो मैं मानता हूँ कि एस. डी. जी के 2030 के एजेंदे को हासिल नहीं किया जा सकेगा।   

उन्होंने यह गौर करते हुए कि कुछ देशों के पास बहुत अधिक भोजन है और कुछ देशों के पास कम, अपील की कि पानी एवं खाद्य-पदार्थों का सही प्रयोग किया जाए और इसका वितरण उचित ढंग से किया जाए। उन्होंने कहा कि असमानता सचमुच क्रूर है।

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18 July 2019, 16:10