बांग्लादेश-अशांति-अपराध-पुल बांग्लादेश-अशांति-अपराध-पुल 

धर्माध्यक्ष द्वारा फर्जी समाचारों के कारण हत्याओं की निंदा

सोशल मीडिया के माध्यम से फैलने वाली अफवाहें, मुख्य रूप से बाल दुर्व्यवहार के आरोपों की अफवाहें, अज्ञान और पूर्वाग्रह भीड़ को गुस्सा दिलाती और घातक कदम उठाने के लिए उकसाती है। शांति और न्याय के लिए धर्माध्यक्षीय आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि अफवाह फैलाने वाले देश में शांति को नष्ट करना चाहते हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

ढाका, बुधवार 24 जुलाई 2019 (एशिया न्यूज) :  हाल के हफ्तों में सोशल मीडिया के माध्यम से फैल रही फर्जी खबरों, खासकर बाल शोषण के संबंध में फैले खबरों के परिणामस्वरूप कम से कम छह लोग मारे गए हैं और 25 अन्य घायल हो गए हैं।

अंतिम दो हत्या रविवार को ढाका के नजदीक सावर और केरीगंज में हुईं। चारों ओर दहशत फैल रही है क्योंकि लोगों को फर्जी खबरों के कारण होने वाली हत्याओं में फंसने का डर है।

"जब मैं घर छोड़ता हूँ, तो मुझे बाल अपहरणकर्ता होने का संदेह होने का डर है," कथलिक सागर सोनाजीब कोरया ने कहा, "झूठे गपशप के लिए निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई है। यही कारण है कि हर बार मैं घर से बाहर जाता हूँ मेरे साथ मेरा काम कार्ड रहता है।”

लाखों लोग उस डर को साझा करते हैं। वास्तव में, हिंसा या बाल दुर्व्यवहार का एकमात्र संदेह गुस्से में भीड़ को उकसा सकता है, ज्यादातर लोग अशिक्षित और पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं। फर्जी खबरों के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने लाउडस्पीकर के साथ चेतावनियों का प्रसारण शुरू कर दिया है।

नारायणगंज के सोनारगाँव थाना के इंस्पेक्टर मो. मोनिरीज़मैन ने कहा, “हम झूठी ख़बरें न फैलाने की अपील करने के लिए लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल करते हैं। अगर कोई भी बच्चा अपहरणकर्ता को देखता है, तो उसे मारने की बजाय हमें सूचित करना चाहिए।”

देश के सुरक्षा बलों ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने फेसबुक पर लिखा था "पद्मा पुल को मानव सिर और रक्त के साथ बनाया जाना चाहिए।" वर्तमान में यह पुल बड़े पैमाने की परियोजना के तहत निर्माणाधीन है।

शांति और न्याय के लिए धर्माध्यक्षीय आयोग के अध्यक्ष मोन्सिन्योर रोजारियो ने एशिया न्यूज से कहा, “पुल बनाने के लिए सिर की जरूरत नहीं है। अफवाह फैलाने वाले देश में शांति को नष्ट करना चाहते हैं।"

बांग्लादेश धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के उपाध्यक्ष एवं राजशाही के धर्माध्यक्ष के अनुसार, "अधिकारियों को अफवाह फैलाने वालों को गिरफ्तार करना चाहिए और उन्हें दंडित करना चाहिए। अगर पुलिस सजग हो जाती है, तो समस्या हल हो जाएगी।" धर्माध्यक्ष का मानना है कि जो लोग दूसरों के बारे में झूठी खबरें फैलाते हैं, उनके मन में वास्तव में एक उद्देश्य होता है, "हत्या का लाभ उठाना"। वर्तमान में, लिंचिंग के शिकार में से कोई भी अपहरणकर्ता साबित नहीं हुआ है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

24 July 2019, 16:28