उदारता के कार्यों में लगी मदर तेरेसा की धर्मबहनें उदारता के कार्यों में लगी मदर तेरेसा की धर्मबहनें 

धर्मबहन के भारतीय जेल में बने रहने पर बढ़ी चिन्ता

मदर तेरेसा की धर्मबहन सि. कॉनसिलिया के भारतीय जेल में बने रहने पर चिन्ता बढ़ रही है तथा कलीसियाई कार्यकर्त्ताओं को सन्देह है कि 62 वर्षीय धर्मबहन को बारम्बार ज़मानत न दिये जाने के पीछे राजनैतिक दबाव एवं साम्प्रदायिक घृणा है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

झारखण्ड, शुक्रवार, 19 जुलाई 2019 (ऊका समाचार): मदर तेरेसा की धर्मबहन सि. कॉनसिलिया के भारतीय जेल में बने रहने पर चिन्ता बढ़ रही है तथा कलीसियाई कार्यकर्त्ताओं को सन्देह है कि 62 वर्षीय धर्मबहन को बारम्बार ज़मानत न दिये जाने के पीछे राजनैतिक दबाव एवं साम्प्रदायिक घृणा है।  

ज़मानत की अपील रद्द

राँची में बाल तस्करी के आरोप में धर्मबहन सि. कॉनसिलिया बाखला को एक वर्ष पूर्व गिरफ्तार किया गया था। 12 जुलाई को सिस्टर ने एक बार फिर ज़मानत की अपील की थी जो ठुकरा दी गई। बताया जाता है कि सिस्टर डायबीटीस की मरीज़ हैं जिन्हें विगत वर्ष चार जुलाई को उनकी एक सहयोगी कर्मी महिला आनिमा इन्दवर के संग गिरफ्तार किया गया था।  

यह आरोप लगने के बाद की इन्दवर ने एक बच्चा देने के लिये पैसे लिये थे किन्तु बच्चा नहीं दिया, यह भी आरोप लगा था कि इन लोगों ने राँची बाल आश्रम से पहले ही तीन बच्चों को बेच दिया था।

इससे पूर्व कई बार सि. कॉनसिलिया की ज़मानत अपील को विभिन्न अदालतों ने ठुकरा दिया था तथा इस वर्ष 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी ज़मानत अपील को यह कहकर ठुकरा दिया था कि पुलिस ने मामले की अभी भी पूरी जाँच पड़ताल नहीं की है।

राजनीतिक दबाव और पूर्वाग्रह

ईसाई नेता और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य ए.सी. माईकल ने कहा, "मुझे लगता है कि मामले में राजनीतिक दबाव के कुछ मज़बूत तत्व हैं, अन्यथा, अदालत ने हमेशा ऐसे मामलों में जमानत दी है।"

माईकल ने कहा, "हिंदुत्ववादी जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा संचालित राज्य पुलिस, पहले ही जांच पूरी कर चुकी है और अदालत में आरोप दायर किए जा चुके हैं।"

हालांकि, ख्रीस्तीय कार्यकर्ता और वकील जेनिस फ्रांसिस ने सुझाव दिया था कि साम्प्रदायिक नफ़रत धर्मबहन को जेल में रखे हुए है। उन्होंने कहा, "दोषी साबित होने तक कोई भी व्यक्ति निर्दोष होता है, तो धर्मबहन को क्यों जेल में बन्द रखा जा रहा है।"  

ऊका न्यूज़ से वकील जानिस ने कहा, "मदर तेरेसा के खिलाफ हिंदू कट्टरपंथियों के मन में पूर्वाग्रह गहरे हैं। जानबूझकर मदर तेरेसा के नाम को तथा निर्धनों के बीच काम करनेवाली उनकी धर्मबहनों को बदनाम करने के लिये मामले को घसीटा जा रहा है।"

भेदभाव

इसी बीच, मुम्बई के ख्रीस्तीय नेता जोसफ डायस ने कहा कि मदर तेरेसा की धर्मबहनों का उत्पीड़न विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का तरीका हो सकता है। उन्होंने कहा, "एक ओर, ईसाइयों को निशाना बनाया जाता है और दूसरी ओर, दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए, मदर तेरेसा की धर्मबहनों को उत्पीड़ित किया जाता है।"

श्री डायस ने कहा कि जिन लोगों पर आतंकवाद और बम विस्फोट का आरोप लगा है वे ज़मानत पर बाहर हैं तथा संसद में बैठे हैं जबकि, निर्दोष धर्मबहन को जेल में रखा जा रहा है।

श्री जोसेफ डायस भाजपा के टिकट पर हालिया संसदीय चुनाव जीतने वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का जिक्र कर रहे थे जिसपर 2008 में मुसलमानों को निशाना बनाने वाले एक घातक बम विस्फोट से जुड़ी आतंकवादी गतिविधियों का आरोप है। वह फिलहाल जमानत पर मुक्त है।

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19 July 2019, 11:27