महाधर्माध्यक्ष इवान युरकोविच महाधर्माध्यक्ष इवान युरकोविच  

परमधर्मपीठ द्वारा परिवार की रक्षा और तरक्की की बारंबार अपील

परमधर्मपीठ ने परिवार को "सभी समाजों की मौलिक और बुनियादी इकाई" के रूप में बढ़ावा देने का आह्वान किया और कहा, “हमारे विश्व समुदाय के सामान्य भलाई के लिए इसकी रक्षा को बनाए रखने की आवश्यकता है।”

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

जिनेवा, बुधवार 15 मई 2019 (वाटिकन न्यूज) : जिनेवा में मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों को परमधर्मपीठ के स्थायी प्रतिनिधि, महाधर्माध्यक्ष इवान युरकोविच ने 15 मई को अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस के मद्देनजर एक सम्मेलन को संबोधित किया।

उनहोंने कहा कि "परिवार, कई मायनों में, मानव होने का पहला स्कूल है और साथ ही संत पापा पॉल छठे ने इसे ‘प्यार की सभ्यता’ का केंद्र कहा है।"

शांतिपूर्ण सभ्यता के लिए परिवार

महाधर्माध्यक्ष इवान ने चिंता व्यक्त की कि "आज, पीढ़ियों के बीच और पारिवारिक मूल्यों के लिए फलदायी आदान-प्रदान की क्षमता पर बहुत कम महत्व और ध्यान दिया जाता है।" व्यक्तिवाद परिवार में व्यक्तियों के समुदाय के रूप में और प्रारंभिक सामाजिक इकाई के रूप में प्रकट होता है।

"परिवार हमेशा समाज की कोशिका और शिक्षा का प्राथमिक स्थान बना रहता है," वाटिकन राजनयिक ने कहा कि एक शांतिपूर्ण सभ्यता के लिए परिवार की "मौलिक भूमिका खुद को तेजी से चुनौती देती है"। हालांकि, परिवार उन मूल्यों के उल्लेखनीय गवाह हैं, जो परिवार की नींव रखते हैं, सच्चा बंधुत्व वह बाम है जिसकी आज की दुनिया में बहुत जरूरत है।

कमजोर होते पारिवारिक बंधन

महाधर्माध्यक्ष युरकोविच ने कहा कि आर्थिक संकट और गरीबी जैसी कठिनाइयां परिवारों के बंधनों को बनाये रखने में बाधाएँ खड़ी करती हैं। "पारिवारिक संबंधों की कमी और परोपकारिता एवं क्षमा द्वारा पोषित एकजुटता" नाटकीय स्थितियों को जन्म दे सकती है।

उन्होंने कहा कि परिवार के टूट जाने से  लाखों बच्चों और युवाओं को उचित और आवश्यक मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है और उन्हें स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है। बाल श्रम और यौन शोषण जैसे काले धंधे में डाल दिया जाता है।

परिवार - मानवता का स्कूल

उन्होंने कहा कि 2014 से 2015 के पारिवारिक वर्ष में परिवार पर हुई धर्मसभा ने परिवार की केंद्रीयता को सही "मानवता का स्कूल" के रूप में रेखांकित किया, जिसकी आज बहुत आवश्यकता है। परिवार में एक व्यक्ति धीरज, काम की खुशी, भ्रातृ प्रेम और दूसरों को क्षमा करने में उदारता सीखता है और सबसे बढ़कर, दूसरों की सेवा में खुद को समर्पित करता है।

इसलिए विवाह करने और एक परिवार बनाने की इच्छा को मजबूत करना होगा ताकि समाज के लिए इसकी मौलिक भूमिका को फिर से खोजा जा सके।

संयुक्त राष्ट्र इस वर्ष को बाल अधिकार पर अपने सम्मेलन की 30वीं वर्षगांठ और परिवार पर 1994 के अंतरराष्ट्रीय वर्ष की 25वीं वर्षगांठ के रूप में चिह्नित करता है। महाधर्माध्यक्ष युरकोविच ने परिवार-केंद्रित नीतियों और कार्यक्रमों को मजबूत करने के लिए ठोस कार्यों और अधिक से अधिक सहयोग करने का आग्रह किया।

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15 May 2019, 17:07