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भारत में फणी चक्रवात भारत में फणी चक्रवात  

यूनिसेफ : भारत में फणी चक्रवात के प्रभाव में आये 10 मिलियन बच्चे

इडाई, केनेथ और फणी घातक चक्रवातों में वृद्धि के साथ, बच्चों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में यूनिसेफ ने चिंता व्यक्त की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

ओडिशा, शनिवार 4 मई, 2019(रेई) :यूनिसेफ विज्ञप्ति अनुसार  भारत के ओडिशा में, 10 मिलियन बच्चों सहित 28 मिलियन लोग, चक्रवात फणी के प्रभाव में आ गये हैं। 20 से अधिक वर्षों में भारत के सबसे मजबूत चक्रवात के रूप में वर्णित किए जाने वाले फणी के आने तैयारी में लगभग 1 मिलियन लोगों को पहले ही हटा दिया गया है।

बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफ़ान फणी ओडिशा के पुरी तट से टकरा चुका है। जब यह टकराया तो उस समय पुरी में हवा की रफ़्तार 165 से 175 किलोमीटर प्रति घंटा के क़रीब थी। पुरी तट से टकराने के बाद यह तूफ़ान उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़ गया है

बीबीसी समाचार अनुसार तूफ़ान ने शुक्रवार सुबह 10.30 बजे पुरी में प्रवेश किया और ये रात 8 बजे या उससे देर तक प्रभावी रह सकता है।

एनडीआरएफ़ के महानिदेशक एस.एन. प्रधान ने समाचार एजेंसी एएनआई से पुष्टि की है कि तूफ़ान के कारण अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। नौसेना और कोस्ट गार्ड को अलर्ट पर रखा गया है। लोगों की मदद के लिए एनडीआरएफ़ और ओडीआरएएफ़ की टीमें तैनात की गई हैं। तूफ़ान के असर को देखते हुए मध्य रात से उड़ानों पर रोक लगा दी गई है और सौ से ज़्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।

यूनिसेफ महानिदेशक ने बताया कि मोज़ाम्बिक में आये चक्रवात केनेथ से 120,000 से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं। कम से कम 400 स्कूल क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए हैं और 40,000 से अधिक छात्रों की शिक्षा ठप हो गई है। काबो डेलगाडो के प्रभावित क्षेत्र में एक हैजा की महामारी घोषित की गई थी। इडाई के छह सप्ताह बाद 25 अप्रैल का चक्रवात 1 मिलियन बच्चों को बुरी तरह से प्रभावित किया। लगभग दो महीने बाद, 25,000 से अधिक लोग अभी भी आश्रयों में रह रहे हैं।

यूनिसेफ के महानिदेशक हेनरीटा फोर ने कहा कि चक्रवात जो वर्तमान में भारत को प्रभावित कर रहा है और मार्च एवं अप्रैल में मोजाम्बिक के हजारों बच्चों के जीवन को गंभीर नुकसान पहुंचाया। "हम एक चिंताजनक प्रवृत्ति देख रहे हैं," "चक्रवात, सूखा और अन्य चरम मौसम की घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि हो रही है। जैसा कि हमने मोजाम्बिक और अन्य जगहों पर देखा है, गरीब देश और समुदाय इससे व्यापक रूप से प्रभावित हैं। पहले से ही कमजोर बच्चों के लिए, यह विनाशकारी हो सकता है।"

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04 May 2019, 16:11