इदलिब के बच्चे इदलिब के बच्चे 

सीरिया में विदेशी लड़ाकों के बच्चों को सहायता की जरूरत, यूनिसेफ

यूनिसेफ महानिदेशक ने एक बयान में कहा कि सीरिया में विदेशी लड़ाकों के 29,000 बच्चों और ईराक में करीब 1,000 बच्चों को सहायता की जरूरत है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

सीरिया, बुधवार 22 मई 2019 (रेई) : “सीरिया, ईराक और अन्य देशों के शिविरों, हिरासत केंद्रों और अनाथालयों में विदेशी सेनानियों के हजारों बच्चे हैं, वे दुनिया में सबसे कमजोर बच्चों में से हैं जो लगातार खतरों के बीच अपने स्वास्थ्य, और सुरक्षा के बिना भयानक परिस्थितियों में जी रहे हैं। उनके पास परिवार का बहुत कम समर्थन है, कई अपनी माताओं के साथ या संबंधियों के साथ हैं और कुछ पूरी तरह से अकेले पड़ गये हैं।” उक्त बातें यूनिसेफ महानिदेशक हेनरीटा फोर ने एक बयान में कही।

सहायता की जरुरत

सीरिया में विदेशी लड़ाकों के 29,000 बच्चे हैं जो 12 वर्ष से कम उम्र के हैं। करीब 20,000 बच्चे ईराक से आये हैं और करीब 9,000 बच्चे 60 देशों से आये हैं। यूनिसेफ का मानना है कि ईराक में भी विदेशी लड़ाकों के करीब 1,000 बच्चों को सहायता की जरूरत है।

ये बच्चे अपने मूल समुदायों द्वारा अस्वीकृत हैं और उनकी सरकारों द्वारा हाशिए पर छोड़ दिये गये हैं। वे बुनियादी सेवाओं को पाने या अपने मूल देशों में लौटने के लिए भारी कानूनी, तार्किक और राजनीतिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

महानिदेशक हेनरीटा ने बताया कि इनमें से अधिकांश बच्चे इस्लामिक स्टेट ईराक द्वारा नियंत्रित संघर्ष क्षेत्रों में पैदा हुए थे या अपने माता-पिता के साथ पहुंचे थे। अधिकांश लड़कों को सशस्त्र समूहों के समर्थन में शस्त्र उठाने के लिए मजबूर या हेर-फेर किया गया था। उन्हें जीवित रहने के लिए ऐसा करना पड़ा। सभी बच्चे दुःखद परिस्थितियों और अपने अधिकारों के भारी उल्लंघन के शिकार हैं। उन्हें देखभाल मिलनी चाहिए और बच्चों की तरह उनके साथ व्यवहार किया जाना चाहिए।

राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए प्रत्येक देश के संप्रभु अधिकार को मान्यता देते हुए, यूनिसेफ 18 वर्ष से कम आयु के प्रत्येक व्यक्ति के बाल अधिकारों का सम्मान करने के लिए कहता है, जिसमें वे बच्चे भी शामिल हैं, जो उनके क्षेत्रों में या विदेशों में सशस्त्र समूहों से जुड़े हुए हैं।

यूनिसेफ का सदस्य राज्यों से आग्रह

• बच्चों को नागरिक दस्तावेज प्रदान करें जो उनके नागरिक हैं या जो उनके नागरिकों से पैदा हुए हैं।

• इन बच्चों को बिना किसी देश का सदस्य होने या बनने से रोकें।

• मूल देशों में उनकी स्वैच्छिक, सुरक्षित और गरिमापूर्ण वापसी हो।

• हिरासत में लिए गए नाबालिगों के लिए, यह सुनिश्चित करना कि उन्हें जितना संभव हो सके कम समय के लिए हिरासत में रखा जाए।

• नाबालिगों के लिए जो आपराधिक जिम्मेदारी की उम्र पार कर चुके हैं और जिन पर आपराधिक कृत्य का आरोप है, उनके लिए यह सुनिश्चित करना है कि उनकी निष्पक्ष सुनवाई हो और किशोरों के न्याय के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानकों को लागू किया जाए।

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22 May 2019, 16:38