इंडोनेशिया के विद्यार्थी न्यूजीलैंड के लिए प्रार्थना की मांग करते हुए एक बैनर के साथ इंडोनेशिया के विद्यार्थी न्यूजीलैंड के लिए प्रार्थना की मांग करते हुए एक बैनर के साथ 

मस्जिदों पर हमले से देश तबाह, धर्माध्यक्षों की सहानुभूति

न्यूजीलैंड के क्राईस्टचर्च स्थित दो मस्जिदों में हुए अलग-अलग हमलों में करीब 49 लोगों की मौत हो गयी है। न्यूजीलैंड और भारत के काथलिक धर्माध्यक्षों ने मुस्लिम समुदाय के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

न्यूजीलैंड से जानकारी देते हुए निकी वेब्बर ने कहा, "न्यूजीलैंड के प्रथम आतंकवादी हमले में 49 लोगों की मौत से हमारा पूरा देश बिल्कुल तबाह हो गया है।" उन्होंने कहा कि पूजा स्थल पर, निर्दोष लोगों के साथ हुआ नरसंहार "चौंकाने और दिल दहलाने वाला" है।

हमला शुक्रवार को दोपहर में तब शुरू हुआ जब एक व्यक्ति ने क्राइस्टचर्च के अल नूर मस्जिद में प्रवेश किया तथा प्रार्थना कर रहे लोगों पर बोलीबारी शुरू कर दी। दूसरा हमला दूसरे मस्जिद पर उसके कुछ ही देर बाद किया गया।

वेब्बर ने कहा, "क्राइस्टचर्च के इन दोनों मस्जिदों में दोपहर की प्रार्थना में काफी लोग जमा हुए थे, जिनमें से अधिकांश आप्रवासी एवं शरणार्थी थे जो युद्धग्रस्त देशों से अपने परिवारों के लिए शांति, सुरक्षा एवं सांत्वना की खोज करने आये थे। वे भी हमारे समुदाय के हिस्से हैं और हम उनके साथ शोक मनाते हैं।"        

पुलिस ने कुछ ऐसे बम बरामद किये हैं जो हॉममेड (आईएडी) हैं। हमला किये गये स्थल के नजदीक रखे कारों से अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि बम एक ही कार में रखे गये थे।

न्यूजीलैंड का काला दिवस

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने इसे न्यूजीलैंड का एक काला दिन बताया। स्थानीय समाचार पत्रों के अनुसार हमले में करीब 50 लोग घायल हुए हैं।    

अधिकारियों ने कहा कि चार लोग - तीन पुरुष और एक महिला - शूटिंग के सिलसिले में हिरासत में रखे गये हैं। पकड़े गये लोगों में से 28 साल के युवक पर पहले से ही एक हत्या का मामला दर्ज है। अन्य तीन के बारे पुलिस जाँच कर रही है कि क्या वे वास्तव में हमलों में शामिल थे।

ऑस्ट्रेलियाई व्यक्ति, जिसका नाम जारी नहीं किया गया है, उसने गोलीबारी से पहले सोशल मीडिया पर एक नस्लवादी, आप्रवासी विरोधी घोषणापत्र पोस्ट किया था, और बाद में हमले का वीडियो फुटेज पोस्ट किया था। पुलिस ने लोगों से हिंसक और परेशान करने वाले फुटेज साझा नहीं करने, साथ ही हमलों के समर्थन में कोई टिप्पणी नहीं करने का आग्रह किया है, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया कंपनियां वीडियो को हटाने के लिए काम कर रही हैं।

वेब्बर ने कहा, "न्यूजीलैंड जातीय रूप से एक विविधता का देश है जिसने जाति, संस्कृति और धर्म के लिए हमेशा सहिष्णुता का अभ्यास किया है। हम स्वागत करने वाले, शांतिमय एवं दयावान राष्ट्र के लोग हैं जो आज पूरी तरह हिल गया है कि इस तरह की घृणा हमारे क्षेत्र में भी आ गया है। हर कीवी इस भयावह अपराध से पीड़ित लोगों के लिए अपनी करुणा, समर्थन और प्रेम प्रकट कर रहा है।"

काथलिक धर्माध्यक्षों की एकात्मता

हमले के बाद, न्यूजीलैंड के काथलिक धर्माध्यक्षों ने न्यूजीलैंड में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को एक संदेश दिया।

"क्राइस्टचर्च के मस्जिदों में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की भयानक खबर सुनकर हम आपके लिए प्रार्थना करते हैं। हम इस भूमि में इस्लामी लोगों के साथ सकारात्मक संबंधों के बारे में गहराई से जानते हैं और हम खास रूप से इसलिए भयभीत हैं कि यह प्रार्थना के स्थान और समय में हुआ है। हमें गहरा दुःख है कि लोग मारे गए और घायल हुए। हम घायलों, उनके परिवारों और पूरे समुदाय की याद करते हैं।"

संदेश में शांति की कामना करते हुए उन्होंने आश्वासन दिया है कि हिंसा की इस घड़ी में वे उनके साथ हैं।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षों की सांत्वना

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने भी क्राइस्टचर्च में मुसलमानों पर हुए हमले के लिए गहरी पीड़ा एवं दुःख व्यक्त किया है।

सीबीसीआई के महासचिव धर्माध्यक्ष थेओदोर मसकरेनहास ने 16 मार्च को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा, "भारत की काथलिक कलीसिया हमले में व्यर्थ मारे गये लोगों की आत्माओं की अनन्त शांति के लिए प्रार्थना करती है तथा घायलों के शीघ्र एवं पूर्ण स्वस्थ्य लाभ हेतु ईश्वर से निवेदन करती है।" उन्होंने कहा कि हम सर्वशक्तिमान ईश्वर से अर्जी करते हैं कि वह उनके दुखित परिवार वालों को सांत्वना एवं दिलासा प्रदान करे।

धर्माध्यक्षों ने याद किया कि इसी तरह का आतंकी हमला एक महीना पहले, जम्मू- काश्मीर के पुलवामा में हुआ था जिसमें हमारे सैनिक मारे गये और घायल हुए थे।

धर्माध्यक्ष थेओदोर ने सचेत करते हुए कहा कि जब हम न्यूजीलैंड के हमलों से दुःखी हैं हमें सामाजिक संचार माध्यमों के प्रयोग पर चिंतन करने की आवश्यकता है जिसमें घृणा, धमकी, अति राष्ट्रवादी रोष, असंतुष्ट लोगों को देशद्रोही की संज्ञा आदि के मेसेज भेजे जाते हैं। यही समय है कि हम घृणा के सौदागारों को चुनौती दें तथा उनपर कार्रवाई करें।

सीबीसीआई ने घृणा का विरोध करने में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिन्डा अर्डर्न के साथ पूर्ण सहमति दिखाई है।  

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16 March 2019, 12:09