मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ग्रेशियस मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ग्रेशियस 

भारतीय मतदाताओं को 'छद्म राष्ट्रवाद के आतंक से बचना चाहिए'

भारत में अप्रैल माह के लिये निर्धारित आम चुनावों की पृष्ठभूमि में काथलिक कलीसिया के धर्माध्यक्षों ने एक प्रेरितिक पत्र जारी कर ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों से आग्रह किया है कि वे ऐसे उम्मीदवारों का बहिष्कार करें जो भ्रष्ट विचारधाराओं को प्रश्रय देते हैं।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, शुक्रवार, 29 मार्च 2019 (ऊका समाचार):   भारत में अप्रैल माह के लिये निर्धारित आम चुनावों की पृष्ठभूमि में काथलिक कलीसिया के धर्माध्यक्षों ने एक प्रेरितिक पत्र जारी कर ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों से आग्रह किया है कि वे ऐसे उम्मीदवारों का बहिष्कार करें जो भ्रष्ट विचारधाराओं को प्रश्रय देते हैं तथा उन्हीं को अपना क़ीमती वोट प्रदान करें जो धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र की रक्षा के लिये वचनबद्ध हैं।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल ऑसवल्ड ग्रेशियस के नेतृत्व में काथलिक धर्माध्यक्षों ने यह प्रेरितिक पत्र जारी किया।

विवेकपूर्ण तरीके से मतदान का आग्रह

कार्डिनल ग्रेसियश ने अपने प्रेरितिक पत्र में देश के समस्त काथलिकों से प्रार्थना करने की अपील की है ताकि उसी पार्टी और अभ्यर्थी के पक्ष में मत डालें जायें जो राष्ट्र का यथार्थ कल्याण चाहते हों। उन्होंने कहा "हमें विवेकपूर्ण तरीके से मतदान करना है।"

14 मार्च को लिखे पत्र में कार्डिनल ग्रेशियस ने लिखा, "कलीसिया की आशा है कि 11 अप्रैल को आरम्भ होने वाले छः साप्ताहिक मतदान हमें ऐसे नेता प्रदान कर सकेंगे जो लोगों को सुनने हेतु तत्पर रहेंगे तथा हमारी उत्कंठाओं एवं ज़रूरतों के प्रति सचेत रहकर उसका रचनात्मक प्रत्युत्तर प्रदान करेंगे।"

धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के सम्मान का आग्रह

इसी बीच, केरल के काथलिक धर्माध्यक्षों ने भी एक प्रेरितिक पत्र जारी कर काथलिकों से अपील की है कि वे उन्हीं अभ्यर्थियों के पक्ष में मतदान करें जो राष्ट्र की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति का सम्मान करते हैं। धर्माध्यक्षों का पत्र 31 मार्च को केरल के समस्त गिरजाघरों में पढ़ा जायेगा। धर्माध्यक्षों के प्रेरितिक पत्र में बल दिया गया है कि काथलिक कलीसिया किसी भी पार्टी, किसी विचारधारा अथवा किसी विशेष अभ्यर्थी का पक्ष नहीं लेती है।

धर्माध्यक्षों का आग्रह है कि मतदाता उन्हीं अभ्यर्थियों को वोट दें जो "धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के मूल्यों" के सम्मान तथा "राष्ट्र के अखण्ड विकास और एकता" के लिए काम करने हेतु वचनबद्ध हों।"  

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29 March 2019, 11:46