गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर  

मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर काथलिक कलीसिया शोकित

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने मनोहर पर्रिकर की मृत्यु पर गहरा शोक प्रकट किया और उनके दो बेटों तथा परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की।

नई दिल्ली, सोमवार, 18 मार्च 2019 ( मैटर्स इंडिया) : भारत के काथलिक धर्माध्यक्ष 17 मार्च को काथलिक स्कूल के पूर्व छात्र गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की मृत्यु पर शोक व्यक्त करने के लिए राजनीतिक और सामाजिक नेताओं में शामिल हुए।

पर्रिकर, जो एक साल से अधिक समय से अग्नाशय के कैंसर से जूझ रहे थे, रविवार शाम को राज्य की राजधानी पणजी में अपने बेटे के घर पर उनका निधन हो गया। वे 63 वर्ष के थे।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने पर्रिकर के दो बेटों और परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त की, "हम वास्तव में कह सकते हैं कि गोवा और भारत ने एक महान नेता खो दिया है और ख्रीस्तीय समुदाय ने एक निष्ठावान और ईमानदार दोस्त खो दिया है। "हम उनकी मृत्यु से बहुत दुखी हैं और उनकी आत्मा की अनंत शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।"

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के एक ट्वीट में सबसे पहले मौत की खबर की घोषणा की गई थी। राष्ट्रपति ने ट्वीट में लिखा, 'गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बारे में सुनकर अत्यंत खेद हुआ। उन्होंने दृढ़ता और गरिमा से अपनी बीमारी का सामना किया। सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और समर्पण का एक प्रतीक, गोवा और भारत के लोगों के लिए उनकी सेवा को नहीं भुलाया जाएगा।'

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महासचिव एवं गोवा के पुरोहित, धर्माध्यक्ष थेओदोर मस्करेंहास ने पर्रिकर के साहस और दृढ़ संकल्प की सराहना की। उन्होंने "अपनी अंतिम सांस तक, बीमारी और मृत्यु का सामना बड़े साहस के साथ किया।"

"हमें गर्व है कि बचपन में, वे एक काथलिक शिक्षण संस्थान, लोयोला हाई स्कूल, मडगांव के छात्र थे, और हम खुश हैं कि काथलिक कलीसिया इस तरह के एक प्रमुख, समर्पित और प्रतिबद्ध नेता की शिक्षा में योगदान दी है।

धर्माध्यक्ष ने कलीसिया के प्रति सहयोग और समर्थन और ख्रीस्तीय समुदाय की जरूरतों के प्रति उनकी संवेदनशीलता के लिए पर्रिकर को धन्यवाद दिया।

बयान में कहा गया है कि पर्रिकर ने 2012 में राज्य सरकार द्वारा रद्द किये गये गुड फ्राइडे अवकाश को पुनः स्थापित किया। बाद में सरकार ने स्वीकार किया कि सरकार के पूर्व निर्णय में त्रुटि थी। 

बयान में कहा गया कि पर्रिकर ने संत पापा फ्राँसिस की भारत यात्रा में भी गहरी दिलचस्पी दिखाई थी और वादा किया था कि वे व्यक्तिगत रूप से संबंधित अधिकारियों के साथ इसपर बातें करेंगे।

“हमें दुःख है कि यह यात्रा उनके जीवन काल में नहीं हुई। लेकिन कभी-कभी असहमति के बावजूद ख्रीस्तीय समुदाय उनकी दयालुता के लिए आभारी रहेगा, जिसे हमेशा बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाता था।

पर्रिकर का जन्म गोवा की राजधानी पणजी से क़रीब 13 किलोमीटर दूर मापुसा में 13 दिसंबर 1955 को हुआ था। उन्होंने मडगांव के लोयला हाई स्कूल से पढ़ाई की और आईआईटी मुंबई से 1978 में मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। वे किसी भी भारतीय राज्य के विधायक बनने वाले पहले आईआईटी स्नातक थे। मनोहर पर्रिकर मोदी सरकार में भारत के रक्षा मंत्री रह चुके हैं। रक्षा मंत्री के कार्यकाल के दौरान ही उन्होंने इस्तीफ़ा दिया था और चौथी बार 14 मार्च 2017 को गोवा के मुख्यमंत्री बनाए गए थे।

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18 March 2019, 16:48