निजी लाभ के लिए वोट न करें, अफ्रीका के धर्माध्यक्ष
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
उन्होंने एक प्रेरितिक पत्र प्रकाशित कर कहा, "हम प्रार्थना करते हैं कि आगामी चुनाव हमारे लिए उस तरह के नेताओं, पुरुषों और महिलाओं को प्रदान करे जो समाज में ईश्वर की इच्छा को लाने के लिए कदम उठा पायेंगे। 1994 में यादगार चुनाव के 25 वर्षों बाद भी हम प्रजातंत्र की रक्षा एवं विकास का पर्व मना रहे हैं। हम भले एवं ईमानदार लोगों की याद करते हैं जिन्होंने देश की निःस्वार्थ सेवा की है। हम इस बात के लिए भी आभारी हैं कि हमारे लोकतंत्र के संस्थापक संस्थान समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं।
हमारे देश की दिशा के चयन की शक्ति
धर्माध्यक्षों ने भ्रष्टाचार एवं देश की राजनीतिक और कॉर्पोरेट क्षेत्र में जनता के विश्वास के विश्वासघात की निंदा की है।
पत्र में कहा गया है, "दुर्भाग्य से हम राजनीतिक जीवन के अंधकार पक्ष को देख रहे हैं। हाल ही में जाँच आयोग ने उन राजनीतिक और व्यवसायिक दोनों क्षेत्रों के व्यक्तियों को उजागर किया है, जिन्होंने जनता के विश्वास के साथ विश्वासघात किया है और देश के आम हित के आगे अपने स्वयं के हित को रखा है।" उन्होंने कहा है कि 8 मई का आम चुनाव दक्षिण अफ्रीका के लिए हमारी दृष्टि को नवीनीकृत करने के अवसर के साथ दक्षिण अफ्रीका को प्रस्तुत करेगा। हममें अपने देश की दिशा का चुनाव करने की शक्ति है। यह आवश्यक है कि हम बुद्धिमता एवं साहस पूर्वक चुनाव में भाग लें तथा झूठे वादों से विचलित न हों।
कठिन सवाल जो ईमानदारी और सच्चाई की खोज करता
विवेक पूर्वक वोट करने हेतु लोगों के मार्गदर्शन में धर्माध्यक्ष मतदान करने वालों से आग्रह करते हैं कि वे अच्छी तरह परखें और ऐसे नेताओं का चुनाव करें जो सभी लोगों की भलाई को प्रोत्साहन दे, खासकर, गरीबों पर ध्यान दे।
धर्माध्यक्षों ने कहा कि इस पृष्ठ भूमि पर हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप ऐसे व्यक्ति को चुनें जो भ्रष्टाचार को मिटाने और बेरोजगारी दूर करने के लिए यथार्थवादी कार्य को बढ़ावा दे सकें। राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर पर ऐसे नेता का चुनाव करें जो जनता का निःस्वार्थ सेवक बनें, प्रभावी ढंग से हमारे लोगों पर अत्याचार की हिंसा के स्तर को कम कर सकें, उन दृष्टिकोणों और प्रथाओं में परिवर्तित करें जो महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देता हो, हमारे युवाओं की आकांक्षाओं का प्रभावी ढंग से जवाब दे सकें, उन वादों को पूरा करें जो वे लोगों से करते हैं तथा हमारे लोकतंत्र और उसके संस्थानों की रक्षा करें।
धर्माध्यक्षों ने दक्षिण अफ्रीका के लोगों को सलाह दी है कि वे अपने व्यक्तिगत, अपनी जाति, समाज एवं आर्थिक वर्ग के फायदे के लिए नेताओं का चुनाव न करें।
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