आसिया बीवी की रिहाई पर पाकिस्तान के ख्रीस्तीय नेता हुए खुश
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
इस्लामाबाद, शुक्रवार, 1 फरवरी 2019 (ऊका समाचार): पाकिस्तान में ख्रीस्तीय समुदायों के नेताओं ने पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा आसिया बीवी को निश्चित्त रूप से रिहा कर दिये जाने पर गहन सन्तोष व्यक्त कर इसे पाकिस्तान के इतिहास में मील का पत्थर निरूपित किया है. विगत वर्ष 31 अक्टूबर को आसिया बीबी रिहा कर दी गई किन्तु इस्लामी कट्टरपंथियों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर उन्हें फांसी की सजा दिये जाने का मांग की थी.
पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने कट्टरपंथी इस्लामी दलों द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए 29 जनवरी को आसिया बीवी को निश्चित रूप से बरी कर दिया.
ऐतिहासिक, न्यायसंगत एवं निष्पक्ष फैसला
वाटिकन स्थित फीदेस न्यूज़ एजेन्सी से पाकिस्तान में मानवाधिकार विशेषज्ञ काथलिक पुरोहित फादर बॉनी मेन्डेज़ ने कहा, "ईसाई नागरिक शांति के प्रेमी है तथा इस दर्दनाक घटना के समापन के लिए ईश्वर के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हैं."
पाकिस्तानी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की संचार माध्यम समिति के अध्यक्ष फादर कैसर फिरोज़ ने भी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों एवं वकीलों के साह की सराहना की. उन्होंने कहा, "आसिया बीवी की रिहाई के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला, पाकिस्तान के इतिहास में, धार्मिर कट्टरवाद एवं रूढ़िवाद को मिटाने की दिशा में मील का पत्थर है."
आसिया की रिहाई लंबित मामलों के लिये मिसाल
ख्रीस्तीय मानवाधिकार कार्यकर्ता साबिर माइकल ने उस "समझदार तरीके" की प्रशंसा की, जिसमें न्यायिक प्रणाली ने मामले को "कानून के शासन के अनुसार" संभाला और कहा कि यह फ़ैसला पाकिस्तान के समस्त अल्पसंख्यकों के लिये आशा की किरण है, तथापि, उन्होंने अल्यपसंख्यकों की सुरक्षा को सुनिश्चित्त करने के लिये अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष है. उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि उक्त फ़ैसला अदालत में लंबित अन्य मामलों के लिये एक मिसाल सिद्ध होगा.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैज़ल ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि अब से आसिया बीवी एक स्वतंत्र नागरिक हैं जिनके आवागमन पर कोई रोक टोक नहीं है.
पाकिस्तान के सेसिल एवं चौधरी काथलिक न्यास ने फ़ैसले की प्रशंसा करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय, "ऐतिहासिक, न्यायसंगत एवं निष्पक्ष फैसला है".
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