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इंडियन काथलिक प्रेस एसोसिएशन (आईसीपीए) इंडियन काथलिक प्रेस एसोसिएशन (आईसीपीए)  

आईसीपीए द्वारा अगले महीने कंधमाल का दौरा

काथलिक पत्रकारों के राष्ट्रीय मंच ने अगले महीने ख्रीस्तीय विरोधी उत्पीड़न के केंद्र, कंधमाल का दौरा करेगा।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

झरसुगुड़ा, सोमवार, 18 फरवरी 2019( मैटर्स इंडिया) : काथलिक पत्रकारों के राष्ट्रीय मंच इंडियन काथलिक प्रेस एसोसिएशन (आईसीपीए) ने अगले महीने ख्रीस्तीय विरोधी उत्पीड़न के केंद्र, कंधमाल का दौरा करने का फैसला किया है।

आईसीपीए 28 फरवरी से 3 मार्च तक ओडिशा के झरसुगुड़ा के अरनॉल्ड विकास संचार सदन में अपना राष्ट्रीय सम्मेलन और वार्षिक आम सभा आयोजित करेगा।

आईसीपीए सचिव जोस विंसेंट.के.जे ने मैटर्स इंडिया को बताया, "हमने कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए झरसुगुड़ा को चुना क्योंकि यह ओडिशा में है जहाँ कंधमाल त्रासदी के 10 साल बाद भी दर्दनाक घटनाएं होती रहती हैं। इसके अलावा, इस क्षेत्र के सदस्य उत्साही हैं और वहां कार्यक्रमों की मेजबानी करने में रुचि रखते हैं।”

कंधमाल तीर्थयात्रा

उन्होंने कहा कि यह कंधमाल ख्रीस्तियों के साथ एकजुटता और तीर्थयात्रा का दौरा है।

ओडिशा के ख्रीस्तियों के खिलाफ हिंसा कंधमाल जिले में गैर-कानूनी रूप से फैली हुई थी, जिसमें 23 अगस्त, 2008 को, हिंदू नेता स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या को, माओवादी विद्रोहियों द्वारा हत्या का दावा करने के बावजूद हिंदू चरमपंथियों ने ख्रीस्तियों को दोषी ठहराया। हिंसा में करीब 100 ख्रीस्तीय मारे गए और 395 गिरजाघर और 6,500 ख्रीस्तियों के घर नष्ट किया गया।

28 अगस्त, 2018 को केरल के कोच्चि में हुई आईसीपीए की कार्यकारी समिति ने झरसुगुड़ा में अपना राष्ट्रीय सम्मेलन और वार्षिक आमसभा आयोजित करने का निर्णय लिया।

वर्ष 2019 भारत में आम चुनाव का वर्ष है और आईसीपीए कार्यकारी समिति का भी चुनाव होगा। इस संदर्भ में, आईसीपीए  ने आमसभा के लिए "भारतीय संविधान और बहुलवाद" विषय चुना है।

जोस विंसेंट ने कहा “हम सभी बढ़ते खतरे के गवाह हैं कि हमारा भारतीय संविधान विभिन्न परिस्थितियों का सामना कर रहा है। बहुलवाद की अवधारणा को बहुत ही गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। धार्मिक अल्पसंख्यक अधिकार भी लगातार खतरे में हैं। हमें सतर्क रहने की जरूरत है। यह सम्मेलन हमारे संवैधानिक प्रावधानों को गहराई से अध्ययन करने और स्थिति का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार होने का अवसर होगा। ”

आईसीपीए काथलिक अखबारों और पत्रिकाओं, समाचार एजेंसियों और प्रकाशन गृहों, पत्रकारों और पत्रकारिता के शिक्षकों का एक संघ है। यह एशिया के सबसे पुराने और सबसे सक्रिय काथलिक प्रेस संगठनों में से एक है।

लुई कारेनो पुरस्कार

आईसीपीए सम्मेलन के दौरान, पत्रकारिता में प्रतिष्ठित पत्रकार को वार्षिक "लुई कारेनो पुरस्कार" से सम्मानित किया जाएगा।

2003 में, आईसीपीए ने फादर कारेनो की याद में पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए लुई कारेनो पुरस्कार की स्थापना की। स्पानिश सलेसियन फादर जोसेफ कारेनो  भारत में मिशनरी थे और उन्होंने कई वैज्ञानिक पुस्तकें और लेख लिखी हैं। यह पुरस्कार डॉन बोस्को सलेसियनयन मुंबई प्रांत द्वारा प्रायोजित है। यह पुरस्कार किसी व्यक्ति या संस्थान को हिंदी के अलावा अंग्रेजी या अन्य भाषाओं में प्रेस के उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।

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18 February 2019, 16:25