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ईशनिंदा कानून के उल्लंघन पर दो भाइयों को मृत्युदण्ड की सजा

पाकिस्तान में 2011 में दो ईसाई भाइयों को ईशनिंदा का दोषी पाया गया था। वे वर्तमान में झेलम जेल में बंद हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

पाकिस्तान, शनिवार, 15 दिसम्बर 2018 (रेई)˸ पाकिस्तान में लाहौर के दो भाइयों कैसर एवं अमून अयूब को ईशनिंदा कानून के उल्लंघन के लिए मृत्युदण्ड की सजा सुनायी गयी है। उन्हें 2015 में गिरफ्तार किया गया था जब दोनों भाइयों में से एक ने अपने वेबसाईट में इस्लाम के खिलाफ आक्रामक सामग्री पोस्ट किया था।

सजा की जानकारी, 14 दिसम्बर को सहायता और निपटान हेतु एक अंतरधार्मिक संगठन कानूनी सहायता केंद्र (सीएलएएएस) द्वारा प्रकाशित हुई। सीएलएएएस देश में धार्मिक असहिष्णुता के पीड़ितों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करता है।

कैसर ने अमीना से विवाह किया है तथा उनके तीन बच्चे हैं जबकि अमून ने लाहौर काथलिक स्कूल की शिक्षिका हूमा से विवाह किया है।

2015 से जेल में

दोनों भाइयों को 2011 में दोषी ठहराया गया था किन्तु उनका दावा है कि वेबसाईट 2009 से ही बंद था। गिरफ्तार करने के बाद से ही दोनों भाइयों को झेलम कैदखाने में बंद रखा गया है। सुरक्षा के कारणों से, निर्वाचित न्यायाधीश जावेद इकबाल बोसल के फैसले को कल, जेल में ही पढ़ा गया। इन भाइयों का बचाव करने वाले संगठन ने घोषणा की है कि वह जल्द से जल्द लाहौर उच्च न्यायालय से अपील करेगा।

देश में ईशनिंदा का आरोप अक्सर इस्लामी चरमपंथियों की हिंसक प्रतिक्रिया को भड़काता है, जो अदालतों के कार्यों को रोकते और न्यायाधीशों को धमकाते हैं। संगठन के निदेशक नासिर साईद ने कहा, "चरमपंथियों की धमकी के कारण, निचली अदालतें उच्च न्यायालयों की ज़िम्मेदारी लेती हैं तथा आरोपी की निर्दोषता साबित करने में सालों लगाते हैं। हमने हाल में आसिया बीबी के मामले में यही देखा है।"

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15 December 2018, 12:10