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खाद्य एवं कृषि संगठन मिस्र में जल, ऊर्जा प्रबन्धन खाद्य एवं कृषि संगठन मिस्र में जल, ऊर्जा प्रबन्धन 

खाद्य पदार्थों के मूल्यों को जानें, सन्त पापा फ्राँसिस का आह्वान

स्पेन के मैडरिड शहर में संयुक्त राष्ट्र संघीय कृषि एवं खाद्य संगठन के तत्वाधान में "जल, कृषि और खाद्य, कल का निर्माण" शीर्षक से गुरुवार को आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन को प्रेषित सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने भोजन एवं जल के मूल्य को पहचानने का आह्वान किया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी


मैडरिड, शुक्रवार, 14 दिसम्बर 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो): स्पेन के मैडरिड शहर में संयुक्त राष्ट्र संघीय कृषि एवं खाद्य संगठन के तत्वाधान में "जल, कृषि और खाद्य, कल का निर्माण" शीर्षक से गुरुवार को आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन को प्रेषित सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने भोजन एवं जल के मूल्य को पहचानने का आह्वान किया.  

सम्मेलन के प्रतिभागियों को सम्बोधित सन्देश में सन्त पापा ने लिखा कि सम्मेलन का विषय उन्हें नबी इसायाह के शब्दों का स्मरण कराता है जो "ईश वचन की तुलना वर्षा एवं धरती में व्याप्त जल से करते हैं".

धन्यवाद ज्ञापन

सन्त पापा कहते हैं, "वर्षा, फसल एवं भोजन, तीनों ही बाईबिल धर्मग्रन्थ में एक दूसरे से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं. इनकी व्याख्या कभी भी लालच या अतृप्यता तथा शोषण के दृष्टिकोण से नहीं हुई बल्कि धन्यवाद ज्ञापन से हुई है."  

सन्त पापा ने कहा कि विश्वासियों का विश्वास ज़िम्मेदारी में परिणत हो जाता है ताकि मनुष्य उस दुर्भावनापूर्ण गिनती के जाल में न फँसें जो ज़रूरतमन्दों की सहायता करने से हमें रोकता है. उन्होंने कहा, "जिस कल की हम आशा करते हैं वह केवल निष्ठा, भ्रातृत्व और उदारतापूर्ण सहयोग से साकार हो सकता है."

किसी को पीछे न छोड़ें

सन्त पापा कहते हैं कि आजकल मानवता को कई जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है, क्योंकि "इस तरह, सही निर्णय लिया जाएगा तथा एक न्यायसंगत और समावेशी समाज बनाने के लिए ठोस नींव रखी जा सकेगी, जहां किसी को भी पीछे नहीं छोड़ा जाएगा. "

सन्त पापा कहते हैं, "पानी सर्वोपरि है किन्तु इसके बावजूद, दुर्भाग्यवश, हर किसी को यह उपलभ्य नहीं है. अस्तु, यह नितान्त आवश्यक है कि इसका बेहतर और तर्कसंगत तरीके से वितरण एवं प्रबंधन किया जाये."

धरती और मानव परिवार का जीवन

पर्यावरण की सुरक्षा पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए सन्त पापा अपने सन्देश में कहते हैं, "यदि यह कार्य नहीं किया गया तो धरती मानव परिवार के जीवन का स्रोत बनना छोड़ देगी." यही कारण है कि धरती की सुरक्षा के लिये बच्चों एवं युवाओं को स्वस्थकर भोजन ग्रहण करने के लिये प्रशिक्षित किया जाना चाहिये क्योंकि उपयुक्त पोषण का अर्थ ही भोजन के मूल्य को समझना है. "   

अन्त में सन्त पापा आग्रह करते हैं कि हम भोजन की मेज़ को केवल अपशिष्टता अथवा चंचलता कचंचलत जगह न समझें बल्कि इसे एक भ्रातृत्वपूर्ण मिलन स्थल मानें. "

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14 December 2018, 11:36