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स्नान करते सिक्ख समुदाय के लोग स्नान करते सिक्ख समुदाय के लोग 

गुरूनानक जयन्ती के उपलक्ष्य में सिक्खों को वाटिकन का संदेश

अंतरधार्मिक वार्ता हेतु गठित परमधर्मपीय परिषद ने सिक्ख धर्म के संस्थापक गुरूनानक जयन्ती के उपलक्ष्य में एक संदेश प्रकाशित कर उन्हें "कोमलता की संस्कृति" को प्रोत्साहन देने का आग्रह का है। गुरूनानक जयन्ती 23 नवम्बर को मनाया जाएगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 20 नवम्बर 2018 (वाटिकन न्यूज)˸ सिक्ख धर्म के संस्थापक गुरूनानक की जयन्ती के उपलक्ष्य में वाटिकन द्वारा प्रकाशित संदेश में सिक्खों से अपील की गयी है कि वे मानव के कल्याण एवं समस्त सृष्टि के हित "कोमलता की संस्कृति" को बढ़ावा दें। गुरूनानक जयन्ती भारत में एक राष्ट्रीय अवकाश का दिन है जिसे 23 नवम्बर को मनाया जाएगा।   

अंतरधार्मिक वार्ता हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के सचिव धर्माध्यक्ष मिगवेल अंजेल अयूसो ग्वीक्सोत द्वारा हस्ताक्षरित संदेश में कहा गया है, "इस अवसर पर आपके साथ साझा करने की हमारी परम्परा, इस वर्ष आपका ध्यान कोमलता की संस्कृति को पोषित करने एवं प्रोत्साहन देने की ओर खींचती है क्योंकि आत्मकेंद्रण एवं उदासीनता की संस्कृति सभी ओर जड़ जमाती प्रतीत हो रही है।"

संदेश में कहा गया है कि सिक्ख एवं ख्रीस्तीय मानव के कल्याण हेतु कोमलता की संस्कृति में आगे बढ़ें, खासकर, समाज के अति कमजोर लोगों के प्रति विशेष ध्यान देने के द्वारा जो गरीब, दुर्बल, बीमार, बूढ़े, विकलांग और विस्थापित हैं।   

कहा गया है कि कोमलता को बच्चों, विद्यार्थियों तथा परिवारों, धार्मिक शिक्षाओं, शैक्षणिक संस्थाओं एवं सामाजिक संचार माध्यमों द्वारा प्रोत्साहित किया जा सकता है।

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20 November 2018, 15:50