इताली धर्माध्यक्षों की 72 वीं आम सभा वाटिकन में इताली धर्माध्यक्षों की 72 वीं आम सभा वाटिकन में 

इताली धर्माध्यक्षों ने नये रोमी मिस्सा ग्रन्थ को दिया अनुमोदन

इटली के काथलिक धर्माध्यक्षों ने 12 से 15 नवम्बर तक जारी अपनी आम सभा के उपरान्त एक विज्ञप्ति जारी कर घोषित किया कि 16 वर्षों के अध्ययन के उपरान्त उन्होंने रोमी मिस्सा ग्रन्थ के तीसरे नये संकलन को अनुमोदन प्रदान किया है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 16 नवम्बर 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो): इताली काथलिक धर्माध्यक्षों ने नये रोमी मिस्सा ग्रन्थ को अनुमोदन प्रदान कर दिया है.

गुरुवार को इटली के काथलिक धर्माध्यक्षों ने 12 से 15 नवम्बर तक जारी अपनी आम सभा के उपरान्त एक विज्ञप्ति जारी कर घोषित किया कि 16 वर्षों के अध्ययन के उपरान्त उन्होंने रोमी मिस्सा ग्रन्थ के तीसरे नये संकलन को अनुमोदन प्रदान किया है. 

16 वर्षों का अध्ययन और विचार-विमर्श

12 से 15 नवम्बर तक वाटिकन में, कार्डिनल जोर्जो बास्सेती के नेतृत्व में इताली धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की 72 वीं आम सभा सम्पन्न हुई. विज्ञप्ति में कहा गया कि 16 वर्षों के अध्ययन एवं विचार-विमर्श के उपरान्त “धर्माध्यक्षों ने ईशशास्त्रीय, प्रेरितिक और भाषाई रूप से रोमी मिस्सा ग्रन्थ को बेहतर बनाने का प्रयास किया है”. 

धर्माध्यक्षों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि रोमी मिस्सा ग्रन्थ में निहित प्रार्थनाएँ पिता ईश्वर को सम्बोधित है तथा इस सम्बोधन में समुचित भक्त समुदाय शामिल है. अस्तु, इसमें ऐसी धर्मविधिक पद्धति की आवश्यकता है जो ईश वचन एवं संस्कारों के मूल्य को प्रकाशित कर सके तथा विश्वासियों में समुदाय की भावना को पोषित कर सके.

"परीक्षा के क्षण में हमारा परित्याग न कर"

विज्ञप्ति के अनुसार, “नया संकलन अब परमधर्मपीठ के समक्ष अनुमोदन के लिये रखा जायेगा जिसमें‘हे पिता हमारे’तथा‘ग्लोरिया’यानि ईश महिमा की प्रार्थनाओं की नई शब्दावली भी शामिल रहेगी. “हे पिता हमारे” प्रार्थना में “हमें परीक्षा में मत डाल” के स्थान पर “परीक्षा के क्षण में हमारा परित्याग न कर” तथा “ईश महिमा” प्रार्थना के शुरु में “धरती पर उसके कृपा पात्रों को शान्ति” के स्थान पर “प्रभु के प्रेम पात्रों को शान्ति "कर दिया गया है.

ग़ौरतलब है कि 2017 के दिसम्बर माह में सन्त पापा फ्राँसिस ने "हे पिता हमारे" प्रार्थना के "हमें परीक्षा में मत डाल" शब्दों को परिवर्तित करने का परामर्श दिया था. उन्होंने कहा था कि प्रभु ईश्वर हमें कभी भी परीक्षा में नहीं डालते हैं, इसलिये हमें ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिये कि वे उस क्षण हमारा परित्याग न करें जब हम प्रलोभन के अंधकारपूर्ण रास्ते पर चलते हैं.   

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16 November 2018, 11:25