उत्तरी एवं दक्षिणी कोरिया के नेता एक साथ मुलाकात करते हुए उत्तरी एवं दक्षिणी कोरिया के नेता एक साथ मुलाकात करते हुए 

वृक्षों की देखभाल, कोरिया में शांति की एक नई पहल

दक्षिणी कोरिया के राष्ट्रपति मून जेए इन ने उत्तरी कोरियाई देवदार वृक्ष को संक्रमित बीमारी से बचाने के लिए 50 टन रासायनिक उपचार भेजने का निश्चय किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

प्रायद्वीप के परमाणुकरण की ओर उत्तरी कोरियाई शासन द्वारा उठाए गए कदम दक्षिण के लोगों को यकीन दिलाने के समान प्रतीत हो रहा है।

नेशनल काउंसिल फॉर यूनिफिकेशन - सेओल सरकार के सलाहकार निकाय द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि किम जोंग-उन के नेतृत्व में तानाशाही के खिलाफ प्रतिबंधों को "हल्का" या यहां तक कि "पूरी तरह से समाप्त" देखने के लिए तैयार है।

इसके अलावा, सर्वेक्षण के लिए जांच किए गए अधिकांश नमूने - सभी सामाजिक और भौगोलिक पृष्ठभूमि से 1,000 लोग दावा करते हैं कि दोनों कोरिया के बीच संबंधों की वर्तमान स्थिति "संतोषजनक" है।  55.3% के अनुसार स्थिति स्वीकार्य है, जबकि 41.4% मानते हैं कि यह न्यूनतम सुरक्षा मानकों से बहुत दूर है। प्योंगयांग के युवा शासक की दक्षिण की राजधानी में योजनाबद्ध यात्रा के बारे में घोषणा की गई है लेकिन इसे अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है जिसको 60.1% साक्षात्कारकर्ताओं ने एक अच्छा विचार माना है तथा इसे कोरिया में सच्ची शांति की ओर एक और कदम कहा है।

सर्वेक्षण दिलचस्प है क्योंकि यह उत्तर के साथ राष्ट्रपति मून द्वारा एक और संवाद नीति की ओर किए गए प्रयास के लिए दक्षिण कोरियाई आबादी की पर्याप्त स्वीकृति की पुष्टि करता है। दक्षिण कोरिया के समान एक अत्यधिक ध्रुवीकृत समाज में, वास्तव में, सरकार को उन लोगों के बीच आंतरिक बदलावों से बचने के लिए समझदारी से आगे बढ़ना चाहिए जो उत्तर कोरिया को अब भी पूरी तरह बुरा मानते हैं और जो द्विपक्षीय सहयोग के लिए उन्हें और अधिक खोलना चाहते हैं।

इस अर्थ में, सरकार ने "अच्छी इच्छा के संकेत" के रूप में उत्तर में 50 टन रासायनिक उपचार भेजने का निर्णय लिया है। यह देवदार के पेड़ों के लिए एक उपचार है। यह देश के उत्तरी हिस्से के एक विशाल पहाड़ी क्षेत्र में फैले देवदार के पेड़ों को बचाने के लिए है जो अब बैक्टीरिया से बुरी तरह प्रभावित हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका ने प्योंगयांग द्वारा निरस्त्रीकरण के लिए किए गए कदमों की सराहना की है, लेकिन उसने "अधिक ठोस और अधिक निर्णायक प्रयासों" की मांग की है। ऐसा लगता है कि जापान ने प्रायद्वीप में शांति प्रक्रिया पर स्पष्ट निर्णय नहीं लिया है, जबकि बीजिंग, युवा तानाशाह के फैसले को "मंजूरी" देता है लेकिन वाशिंगटन द्वारा निभाई गई भूमिका को आशँका की नजरों से देखता है।

 

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29 November 2018, 16:36