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मध्य अफ्रीका के शर्णार्थी लीबिया में मध्य अफ्रीका के शर्णार्थी लीबिया में 

मध्य अफ्रीकी धर्माध्यक्षों द्वारा प्रार्थना दिवस हेतु निमंत्रण

मध्य अफ्रीका के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने देश में हिंसा के शिकार लोगों की यादगारी में एक दिन का प्रार्थना एवं शोक दिवस घोषित किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 27 नवम्बर 2018 (वाटिकन न्यूज)˸ मध्य अफ्रीका के काथलिक धर्माध्यक्षों ने अपने देश में हिंसा के शिकार सभी लोगों की याद में, रविवार 2 दिसम्बर को, प्रार्थना एवं शोक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है।  

सम्मेलन ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि कलीसिया, भली इच्छा रखने वाले सभी लोगों को निमंत्रण देती है कि वे शोक दिवस में भाग लें।  

1 दिसम्बर – स्मृति दिवस

1 दिसम्बर देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिवस है क्योंकि इस दिन फ्रेंच औपनिवेशिक शासन से देश की आजादी की 60वीं वर्षगाँठ मनायी जायेगी।

2 दिसम्बर ˸ प्रार्थना एवं शोक दिवस

विज्ञप्ति में कहा गया है कि धर्माध्यक्षों ने 2 दिसम्बर को सभी धर्मप्रांतों में हिंसा के शिकार लोगों की यादगारी में प्रार्थना एवं शोक दिवस घोषित किया है।

अतः कहा गया है कि आगमन के प्रथम रविवार को हिंसा से बचे लोगों के लिए दानसंग्रह किया जाएगा। यह अपील सोमवार 26 नवम्बर को बंगुई महाधर्माप्रांत के एक प्रेस सम्मेलन में जारी किया गया, जहाँ राजनीतिक एवं प्रशासनिक अधिकारी, राजनयिक दल और देशी तथा विदेशी संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं मीडिया के पत्रकार उपस्थित थे। कहा गया कि इसके द्वारा नागरिकों के खिलाफ किए गए अस्वीकार्य और जघन्य अपराधों की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाएगा।

मध्य अफ्रीका के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल दियूदोन्ने नज़ापालाईन्या ने अपील जारी की, जिसे उन हिंसक घटनाओं का उत्तर कहा गया है जो देश में हो रहा है।

उन्होंने कहा, "उन दुर्भाग्यपूर्ण एवं बरम्बार होने वाली घटनाओं को देखते हुए जिनसे मध्य अफ्रीका 2012 से ही पीड़ित है और जो घटनाएँ बंगुई, बातानगाफो एवं अलिनदाओ में हाल में घटी हैं, मध्य अफ्रीकी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने 24 नवम्बर को असाधारण सत्र में भाग लिया तथा एक विज्ञप्ति जारी की है।"

संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को देवदूत प्रार्थना के दौरान मध्य अफ्रीका में शांति के लिए प्रार्थना की थी। उन्होंने राजनीतिक नेताओं को उनकी जिम्मेदारियों की याद दिलाते हुए कहा था कि "मानव व्यक्ति पवित्र एवं अनुल्लंघनीय है। अतः जनता के सभी अधिकारियों एवं संगठनों की उचित जिम्मेदारी है कि वे उसका सम्मान एवं उसकी रक्षा करें।"

संत पापा ने मध्य अफ्रीका में शांति की अपील, इसी माह तब की थी जब अलीनदाओ स्थित एक शरणार्थी शिविर में हमला किया गया था जिसमें दर्जनों मौत के शिकार हो गये थे।

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27 November 2018, 15:23