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अंडमान में मारा गया अमरीकी मिशनरी नहीं

भारतीय पुलिस और कलीसिया के अधिकारियों ने अण्डमान निकोबार द्वीप समूह में अमरीकी पर्यटक द्वारा आदिवासियों को ईसाई बनाने के मीडिया रिपोर्ट का खंडन किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, बृहस्पतिवार, 22 नवम्बर 2018 (ऊकान)˸ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि "अमरीकी नागरिक जॉन एलेन चाऊ ईसाई मिशनरियों से जुड़ा था और वो इन आदिवासियों को धर्मांतरण करने के साथ एडवेंचर (साहसिक खोज) करना चाहता था।"

अमरीकी नागरिक जॉन एले चाऊ 16 नवम्बर को अंडमान निकोबार पहुँचा था तथा 17 नवम्बर को अंडमान निकोबार के सेंटिनल द्वीप पर मृत पाया गया था।

भारतीय कानून अनुसार सेंटिनल द्वीप में किसी का प्रवेश निषेध है। सेंटिनल द्वीप के आदिवासी विश्व के सबसे आदिम जनजातियों में से एक गिने जाते हैं। उनका बाहरी लोगों से कोई सम्पर्क नहीं है तथा जो व्यक्ति उनके क्षेत्र में प्रवेश करता है वे उसपर हमला करते हैं।  

चाऊ का उद्देश्य आदिवासियों से मुलाकात

अंडमान और निकोबार के पुलिस महानिदेशक दिपेंद्र पाठक ने न्यूज मिनट वेबसाईट से कहा कि उन्हें बतलाया गया है कि 27 वर्षीय चाऊ अमरीका के अलाबामा का निवासी था तथा वह एक सह-चिकित्सक था।

उन्होंने कहा, "लोग सोचते हैं कि वह एक मिशनरी था क्योंकि उसने ईश्वर के साथ अपने संबंध का जिक्र किया था और वह सामाजिक संचार या ऑनलाईन पर विश्वास करता था किन्तु सीधे तौर पर वह मिशनरी नहीं था। वह एक साहसिक खोजी (अडवेंचरर) था। उसका उद्देश्य आदिवासियों से मुलाकात करना था।"

चाऊ अंडमान की राजधानी पोर्टब्लेयर टूरिस्ट विजा से पहुँचा था। 16 नवम्बर को वह तथा 6 मछुवारे एक नाव पर सवार होकर उस द्वीप की ओर बढ़े, जहाँ द्वीप में प्रवेश करने के लिए उसने एक डोंगी का प्रयोग किया।

वायर एजेंसी के अनुसार उसपर तीर से हमला किया गया किन्तु वह आगे बढ़ता रहा। मछुवारों ने आदिवासियों को चाऊ के गले पर रस्सी बांधते एवं उसके शरीर को खींचते देखा। वे भयभीत होकर भाग गये किन्तु दूसरे दिन उसके शरीर को तट पर पाया।

पर्यटक के उद्देश्य को धर्मांतरण के रूप में दर्शाना गलत

पोर्टब्लेयर के धर्माध्यक्ष अलेक्स दास नेवेस दियास ने ऊका समाचार को बतलाया कि धर्मप्रांत के पास उसके बारे कोई सही जानकारी नहीं है किन्तु स्पष्ट किया कि वह उस क्षेत्र में काथलिक मिशन से जुड़ा नहीं था।  

धर्माध्यक्ष ने कहा कि जो लोग क्षेत्र के इतिहास एवं भौगोलिक स्थिति के बारे जानते हैं कि उस क्षेत्र में प्रवेश करना आत्माघाती है। पर्यटक के उद्देश्य को धर्मांतरण के रूप में दर्शाना गलत है।

उन्होंने कहा, "कोई भी व्यक्ति लोगों को धर्मांतरण कराने के लिए उस स्थान में जाने की कैसे सोच सकता, जब वह जानता है कि उस क्षेत्र में प्रवेश करने पर वह निश्चय ही मारा जाएगा?"

धर्मप्रांत के आर्थिक सलाहकार फादर धर्मपाल तिर्की ने कहा कि ख्रीस्तीय मिशनरी तथा कलीसिया को धर्मांतरण के विवाद में अनावश्यक रूप से घसीटा जा रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 6 मछुवारों को गिरफ्तार किया गया है जिन्होंने चाऊ को द्वीप में प्रवेश करने में मदद की थी।

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22 November 2018, 16:59