अल्जीरिया के तिभीरिने के ट्रापीस्ट मठवासी अल्जीरिया के तिभीरिने के ट्रापीस्ट मठवासी 

अल्जीरिया के 19 शहीदों की धन्य घोषणा

अल्जीरिया में 1994 से 1996 के बीच इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा शहीद हुए 19 ख्रीस्तियों की धन्य घोषणा की जाएगी।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

उनकी धन्य घोषणा प्रक्रिया 2007 में शुरू की गयी थी जिन्हें पीटर क्लावेरी एवं 18 साथी के रूप में ईश सेवक घोषित किया गया था। संत पापा फ्राँसिस ने जनवरी में उनकी धन्य घोषणा को अनुमोदन दे दिया।

8 दिसम्बर को धन्य घोषणा समारोह ओरान धर्मप्रांत के महागिरजाघर में सम्पन्न होगा। शहीद पीटर क्लावेरी एक धर्माध्यक्ष थे। संत पापा के प्रतिनिधि के रूप में परमधर्मपीठीय संत प्रकरण परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल अंजेलो बेच्चू ख्रीस्तयाग समारोह का अनुष्ठान करेंगे। 

अल्जीरिया का अंधकारमय दशक

सन् 1991 तथा 2002 के बीच अल्जीरिया में सरकार एवं इस्लामिक विद्रोही दल के बीच नागरिक युद्ध चल रहा था। इन वर्षों में क्रूरता बहुत अधिक बढ़ गयी थी जिसके कारण 19 स्त्रियों एवं पुरूषों को अपने विश्वास के खातिर तथा अपनी मातृभूमि को नहीं त्यागने की इच्छा के कारण शहीद होना पड़ा।   

इन सभी शहीदों में ओरान के धर्माध्यक्ष पीटर क्लावेरी सबसे पहले शहीद हुए। वे 1996 में अपने एक मुस्लिम मित्र एवं कार चालक के साथ बम द्वारा मार डाले गये थे। तिबहिरीने के शहीद जो 1996 में मार डाले गये थे, वे "ईश्वर एवं मनुष्यों के" फिल्म से प्रेरित थे। फ्राँसीसी ट्रपीस्ट मठवासी एकान्त जीवन व्यतीत करते थे और मुसलमानों के साथ उनका मित्रवत संबंध था। अपना देश एवं अल्जीरिया के लोगों को नहीं छोड़ने के कारण वे शहीद हो गये थे। उनका अपहरण कर उन्हें मार डाला गया था।

उनका संदेश था प्रेम 

अक्टूबर 2018 की प्रेस विज्ञप्ति में अल्जीरिया के धर्माध्यक्ष ने इस बात को स्पष्ट किया था कि धन्य घोषणा का उद्देश्य उन्हें हीरो बनाना नहीं बल्कि इन साधारण लोगों के द्वारा यह दिखलाना कि सबसे अंधकारमय  समय में भी आशा की झलक थी। ईश्वर तथा देश एवं वहाँ के लोगों के प्रति उनका बेशर्त प्रेम दिखलाता है कि सिर्फ प्रेम से ही बुराई की शक्ति पर विजय पायी जा सकती है। 

धर्माध्यक्ष ने कहा कि डॉ. इस्साम तोवालबी जो एक मुस्लिम हैं तथा यूनेस्को मानव अधिकार एवं शांति की संस्कृति के निदेशक एमीर अब्दुलकदेर ने कहा है कि यह धन्य घोषणा भूमध्यसागर के दो किनारों के बेहतर भविष्य के निर्माण का अग्रदूत बनेगा, एक ऐसा भविष्य जो सम्मान, समझदारी एवं आपसी आदान-प्रदान पर बना होगा।

 

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01 November 2018, 16:59