सिनॉड में भाग लेने वाली धर्मबहनों ने अपना अनुभव साझा किया सिनॉड में भाग लेने वाली धर्मबहनों ने अपना अनुभव साझा किया 

युवाओं की उपस्थिति से सिनॉड में बदलाव

युवाओं पर धर्माध्यक्षीय धर्मसभा समाप्त होने के उपरांत सिनॉड में भाग लेने वाली 6 महिला धर्मसमाजियों ने अपने अनुभवों को साक्षा किया कि युवाओं की उपस्थिति से सिनॉड में किस तरह परिवर्तन आया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

सिनॉड में भाग लेने वाली 6 महिला धर्मसमाजियों की नजर में सिनॉड का साराँश प्रस्तुत किया गया जिसका आयोजन अंतरराष्ट्रीय यूनियन ऑफ सुपीरियर जेनेरल (यूआईएसजी) द्वारा रोम में सोमवार को किया गया था।

सिस्टर सैली मेरी होगडोन ने यूआईएसजी का प्रतिनिधित्व करते हुए पुरूष धर्मसमाजियों के साथ समानता के संदर्भ में सिनॉड में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यूआईएसजी एवं यूएसजी दोनों ने एक दस्तावेज तैयार करने का निश्चय किया है। जिसमें वे आग्रह करेंगे कि दोनों ओर के प्रतिभागी समान हों। दोनों दलों को चुनाव करने का अवसर दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा न केवल महिलाओं के द्वारा किन्तु धर्माध्यक्षओं, कार्डिनलों तथा युवाओं के द्वारा भी उठाया गया था।  

एकात्मता

सलेशियन धर्मबहन अल्लेसांद्रा स्मेरिल्ली ने कहा कि सुनने के द्वारा मन-परिवर्तन होता है। कार्डिनल ताग्ले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कार्यस्थलों में सुनना न केवल कान से किन्तु अंदर से होनी चाहिए। धर्माध्यक्षों समेत कई प्रतिभागी युवाओं के अनुभवों को सुन कर अत्यन्त प्रभावित हुए। यह सिनॉड के अंतिम दस्तावेज में एक पृष्टभूमि के समान है जो कि इंस्त्रुमेन्तुम लावोरिस में नहीं था। सिनॉड की इस यात्रा ने धर्माध्यक्षों में परिवर्तन लाया जो उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा छोड़ सिनॉडालिटी को अपनाने हेतु प्रेरित किया। सि. अंद्रेया ने कहा कि यह इसलिए हुआ क्योंकि युवाओं की उपस्थिति में धर्माध्यक्ष अपने व्यक्तिगत धर्माध्यक्षीय अनुभव को बांटने लगे तथा जिसे अंतिम दस्तावेज में भी व्यक्त किया जा सका।    

उत्सव

कोरिया की धर्मबहन मीना ने सिनॉड को एक उत्सव कहा। ईश्वर ने प्रत्येक दिन जो तैयार किया था उससे वे आश्चर्यचकित थी। युवा धीरे-धीरे समझने लगे कि कलीसिया उन्हें प्यार करती है। केवल धर्माध्यक्ष ही नहीं किन्तु युवा भी विचार करने लगे कि वे अपना देश लौटकर क्या करेंगे।

समय का चिन्ह

केन्या की धर्मबहन लुसी मुथोनी नदेरी ने कहा कि युवाओं ने धर्माध्यक्षों को समय के चिन्ह को पहचानने में सहायता दी। युवाओं ने उन्हें स्मरण दिलाया कि वे उनके बारे कलीसिया से बाहर के लोगों की तरह न सोचें बल्कि कलीसिया के मिशन में सहायता देने के लिए तत्पर लोगों की तरह देखें।

नया पेंतेकोस्त

सिस्टर नथानिए बेक्वार्त ने कहा कि सिनॉड उनके लिए एक नया पेंतेकोस्त था। वे युवाओं की आवाज को धर्माध्यक्षों में सुन सकते थे। सिनॉड में गहरा मानवीय अनुभव ने धर्माध्यक्षों को एम्माउस के मुलाकात का अनुभव प्रदान किया जो अंतिम दस्तावेज का प्रतिमान बन गया। इस अनुभव के द्वारा उन्होंने समझा कि युवा भी कलीसिया में मिशन के सहभागी बन सकते हैं। इस तरह अनुच्छेद 55 में कलीसिया की महिलाओं पर प्रकाश डाला गया है और कहा गया है कि सिनॉड में धर्माध्यक्षों एवं कार्डिनलों ने निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं की उपस्थिति की मांग की थी।

तीर्थयात्रा

स्पेन की सिस्टर मरिया लुईसा बेरजोसा गोंजालेज सिनॉड में एक विशेषज्ञ के रूप में भाग ली थी। उन्होंने कहा कि एक विशेषज्ञ के रूप में उन्होंने बहुत सुना जिसके कारण वे काफी चीजों को समझने लगीं। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा तथा अंतरपीढ़ीय संवाद द्वारा अनुभवों में बढ़ा जा सकता है।    

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30 October 2018, 16:48