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अरब के युवाओं में विश्वास, आशा और प्रेम का नवसंचार

अरबी द्वीप के करीबन एक हजार युवाओं ने अरब काथलिक युवा सम्मेलन, “उठो, अपने विश्वास, आशा और प्रेम को नवीकृत करो, येसु को अनुभव करो” पर भाग लिया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 26 अक्टूबर 2018 (रेई) युवा पर धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का समापन रविवार को होगा, जबकि करीबन 1500 युवा अरबी द्वीप में चल रहे अरब काथलिक युवा सम्मेलन में सहभागी हो रहे हैं, जो रस अल खैमाह, संयुक्त अरब अमीरात में 25-27 अक्टूबर तक आयोजित किया गया है। युवाओं के लिए इस सम्मेलन की विषयवस्तु “उठो, अपने विश्वास, आशा और प्रेम को नवीकृत करो, येसु को अनुभव करो” है।

युवाओं की पहल

दक्षिणी अरब और यमन के प्रेरितिक अधिकारी धर्माध्यक्ष पौल हिन्दर ने वाटिकन रेडियो को दिये, अपने एक साक्षात्कार में कहा कि अरब काथलिक युवा सम्मेलन (एसीवाईसी) युवाओं द्वारा संचालित एक पहल है। इसका मुख्य उद्देश्य, “केवल एक देश के युवाओं का मिलन नहीं वरन यह विभिन्न देशों को एक साथ लाना था।” धर्माध्यक्ष पौल ने युवाओं के द्वारा प्रस्तुत की गई सलाह का अलिंगन किया जिसके तहत एसीवाईसी का उद्भव हुआ।

एसीवाईसी का इतिहास

यह अरबी द्वीप का सबसे बड़ा युवा सम्मेलन है। इसमें विभिन्न देशों जैसे युएई, ओमन, सऊदी अरब, कतर, बहरीन और कुवैत सहभागी होते हैं। प्रथम एसीवाईसी का आयोजन सन् 2009 में दुबाई में किया गया था जिसकी विषयवस्तु “गहरे पानी में चलो” थी। सन् 2012 में इस आयोजन की विषयवस्तु थी, “एक विश्वासी के लिए सब कुछ संभंव है” जिसका आयोजन यूएई के अबुधाबी में किया गया था। युवाओं के मिलन हेतु आयोजित इस साल की विषयवस्तु है “मरियम, आप डरे नहीं, आप को ईश्वर की कृपा प्राप्त है”।  

अंतरराष्ट्रीय संचालक

धर्माध्यक्ष पौल ने कहा कि इस कार्यक्रम के संचालन हेतु कई अंतरराष्ट्रीय संचालक शामिल होते हैं। जिन्हें ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा से महाधर्माध्यक्ष प्रूज़, संयुक्त राज्य अमेरिका से सिस्टर एनी फ्लानगन, जॉर्डन से एक युवा पुरोहित वस्मीम मंसूर, जॉन प्रीडमोर एक पूर्व लंदन गैंगस्टर, घाना के मूल निवासी मार्क निमो, और जेसी लिबिरान, फिलीपींस में साहस परियोजना के संस्थापक प्रमुख हैं।  

विश्वास और आशा को मजबूती

धर्माध्यक्ष हिन्देर ने कहा कि हमें आशा है कि हम युवा और धर्माध्यक्ष जो इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं विश्वास और आशा को मजबूत कर पायेंगे।

“हमारे प्रांतों में युवाओं का जीवन सहज नहीं क्योंकि हमारे हालात वित्तीय स्थिति के अनुरूप बदल रहे हैं। मैं आशा करता हूँ कि हमारे कार्यक्रम युवाओं में विश्वास को मजबूत करेगा, इतना ही नहीं हम कहें तो यह धर्माध्यक्षों को भी अपने विश्वास में बढ़ने हेतु मददगार सिद्ध होगा। हम विश्वास के लोग हैं और युवाओं के साथ हमारा होना हमें सदा ही आशा और जीवन के नये आयाम से भर देगा।”

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26 October 2018, 16:50