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यमन संघर्ष के बीच स्कूल यमन संघर्ष के बीच स्कूल 

यमन में बच्चों की स्थिति चिंताजनक

यमन में 11 मिलियन बच्चे संकट में जी रहे हैं, 2 मिलियन बच्चे स्कूल से बाहर हैं और 4 मिलियन बच्चों को स्कूल हर वर्ष खोने का डर है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

जिनेवा, सोमवार 17 सितम्बर 2018 (रेई) : जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र बालकोष (यूनिसेफ) के प्रवक्ता क्रिस्टोफ बोलीरैक ने अपने वक्तव्य में कहा कि यमन में 3 से अधिक वर्षों की लड़ाई के कारण बच्चों की स्थिति बहुत ही खराब हो रही है। यमन में वैश्विक मानवीय सहायता की ज़रूरत वाले बच्चों की सबसे बड़ी संख्या है। देश के 80% बच्चों को याने 11 मिलियन से अधिक बच्चों को मानवीय सहायता की जरुरत है। इन बच्चों को हर दिन भोजन की कमी, बीमारियों, विस्थापन और बुनियादी सामाजिक सेवाओं की कमी है। पूरा देश पतन के कगार पर है।

उन्होंने कहा कि यमन में 2500 से अधिक स्कूल बंद पड़े हुए हैं जिनमें 66% स्कूल हवाई हमलों या संघर्ष से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 7% स्कूलों को सशस्त्र समूहों द्वारा या विस्थापित आबादी से आश्रयों के रूप में उपयोग किया जाता है।

सेनाओं और सशस्त्र समूहों द्वारा 2,635 से अधिक बच्चों को भर्ती किया गया है जिनका गलत उपयोग किया जाता है।

लड़कियों को शादी का बड़ा खतरा है। 2016 में 6 जिलों में किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, 18 साल की उम्र से पहले तीन चौथाई लड़कियों की शादी हो जाती है जिनमें 44.5% 15 वर्ष से कम आयु के हैं।

2018 में यूनिसेफ की गतिविधियाँ

यूनिसेफ  ने 142,000 से अधिक बच्चों को स्कूल जाने के लिए छात्रवृत्ति और सीखने के लिए उपकरण मुहैया कराया है। 70,000 से अधिक बच्चों को मनोवैज्ञानिक सहायता प्राप्त हो रही है। 

131 से अधिक स्कूलों का पुनर्वास किया गया है जबकि 125,000 से अधिक बच्चे इस वर्ष जनवरी और जून के बीच स्कूलों में दाखिला लिया हैं।

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17 September 2018, 15:45