खोज

शरणार्थी शरणार्थी 

आप्रवासियों के स्वागत में लम्पेदूसा का पल्ली आदर्श

समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद् के उप-सचिव जेस्विट फादर माइकेल चरनी ने कहा है कि आप्रवासियों एवं गरीबों की मदद करने में लम्पेदूसा एक आदर्श पल्ली है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 18 सितम्बर 2018 (वाटिकन न्यूज)˸ फादर चरनी ने पुण्य सप्ताह एवं पास्का पर्व को संत जेरलांदो (लम्पेदूसा का पल्ली) पल्ली में मनाया था जिनका कहना है कि उन्होंने वहाँ प्रभावशाली ढंग से स्वागत करना सीखा जो आपातकाल  से आगे एक स्थायी समाधान सुनिश्चित करता है।

लम्पेदूसा में 13 से 20 सितम्बर तक आयोजित क्षेत्रीय समाजशास्त्र में उच्च विद्यालय के विद्यार्थियों को सम्बोधित कर, 17 सितम्बर को फादर चरनी ने कहा कि जो अनुदान लम्पेदूसा पल्ली से प्राप्त किया जाता है उसका 50 प्रतिशत आप्रवासियों की मदद में खर्च की जाती है जबकि 50 प्रतिशत स्थानीय गरीबों की सहायता में दी जाती है। यह प्रणाली जिसे हम 50/50 कह सकते हैं, एक ठोस और प्रभावशाली उपाय है तथा स्थायी समाधान को प्रोत्साहन देती है। उन्होंने कहा, "विस्थापन आज की दुनिया में एक बड़ी चुनौती है जिसको कलीसिया में प्राथमिकता दी जा रही है।" उन्होंने बतलाया कि आप्रवासियों एवं शरणार्थियों की प्रेरिताई विभाग का निर्देशन स्वयं संत पापा फ्राँसिस कर रहे हैं।   

नष्ट करने की संस्कृति एवं हानि पहुँचाने वाले अर्थव्यवस्था पर चिंता

फादर चरनी ने कहा, "हमारी चिंता एवं परेशानी सबसे बढ़कर नष्ट करने की संस्कृति तथा मार डालने वाली अर्थव्यवस्था के प्रसार से है जबकि स्वागत, सुरक्षा, प्रोत्साहन एवं एकीकरण आदि चार क्रियाएँ ही विस्थापन की समस्या के लिए कलीसिया की ओर से प्रत्युत्तर है।" उन्होंने कहा कि विस्थापितों एवं शरणार्थियों का अधिकार है कि उन्हें उचित स्थान मिले। फादर ने विस्थापितों का स्वागत करने वालों के प्रति आभार प्रकट किया तथा कहा कि इसके द्वारा लोगों की बड़ी संख्या में जमा हो जाने की समस्या कम हो जाती है और मेजबान समुदायों की परेशानियाँ कम होती  हैं।  

उन्होंने कहा कि भारी संख्या में विस्थापन को रोका जाना चाहिए, उसके लिए की गई पहलों का उद्देश्य विस्थापितों एवं शरणार्थियों की व्यक्तिगत सुरक्षा एवं मौलिक सेवाओं को बढ़ावा मिलना चाहिए। अनियमित प्रवासियों के लिए हिरासत के वैकल्पिक समाधान को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

उच्च विद्यालय का उद्देश्य है आप्रवासी समस्या को व्यवस्थित करने वाली संस्थाओं को मदद करने के लिए तकनीकी और पेशेवर सहायता प्रदान करना तथा आप्रवासियों के अधिकारों की मान्यता के अनुरोधों के साथ मूल निवासियों की जरूरतों को पूरा करने हेतु प्रशिक्षण देना।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

18 September 2018, 13:22