परमाणु निरस्त्रीकरण समझौता, धर्माध्यक्षों की अपील
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
प्योंगयान, गुरुवार, 20 सितम्बर 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो): दक्षिण कोरिया के काथलिक धर्माध्यक्षों ने, उत्तरी कोरिया के प्योंगयान में, उत्तर तथा दक्षिण कोरियाई नेताओं के बीच सम्पन्न परमाणु निरस्त्रीकरण समझौते का स्वागत करते हुए पुनर्मिलन हेतु प्रार्थना की अपील की है.
18 एवं 19 सितम्बर को उत्तर तथा दक्षिण कोरियाई नेता किम जोंग ऊन तथा मून जाये इन के बीच एक शिखर सम्मेलन हुआ जिसमें परमाणु अस्त्रों को कम करने पर सहमति हुई है. इस सम्मेलन के बाद ऐसी आशा व्यक्त की जा रही है कि दक्षिण कोरिया तथा उत्तर कोरिया के बीच 65 वर्षों से चले आ रहे अलगाव को दूर किया जा सकेगा.
शिखर सम्मेलन के उपरान्त दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने कहा कि उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन प्रमुख न्यूक्लियर टेस्टिंग साइट और लॉन्च साइट को बंद करने के लिए तैयार हो गए हैं. उन्होंने कहा कि उक्त बैठक में उत्तर एवं दक्षिण कोरिया "परमाणु निरस्त्रीकरण के एक तरीके पर सहमत" हुए हैं.
नवीन शान्ति युग की आशा जागी
उत्तर कोरिया के किम जोंग उन ने इस मीटिंग में मून जे इन के साथ हुए समझौते को कोरियाई प्रायद्वीप में शांति कायम होने की दिशा में एक बड़ा क़दम बताया है. उन्होंने यह भी कहा है कि वे आशा करते हैं कि "आने वाले दिनों में वह सियोल की यात्रा कर सकें." इसी प्रकार उत्तर तथा दक्षिण कोरिया के लोगों ने समझौते पर सन्तोष जताया है तथा आशा व्यक्त की है कि विभाजित परिवारों का मिलन शीघ्रातिशीघ्र सम्भव बन पड़ेगा.
समझौता कोरियाई लोगों का मिला वरदान
इसी बीच, दक्षिण कोरिया के काथलिक धर्माध्यक्षों ने कहा है कि उक्त समझौता सभी कोरियाई लोगों के लिये एक वरदान है. फीदेस समाचार एजेन्सी से उन्होंने कहा, "कोरिया की काथलिक कलीसिया शांति के सुसमाचार की घोषणा करना और प्रायद्वीप की शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करना जारी रखेगी".
सियोल के महाधर्माध्यक्ष एवं प्योंगयान के प्रेरितिक प्रशासक कार्डिनल एन्ड्रयू ईयोम सू-जूंग ने कहा कि यह कोरियाई प्रायद्वीप की समस्त जनता को उनके धन्यवाद ज्ञापन महापर्व "चूसेओक" पर मिला एक अनमोल उपहार है. उन्होंने बताया कि सन्त पापा फ्राँसिस ने सभी कोरियाई लोगों को अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन दिया है.
पुनर्मिलन के लिये प्रार्थना की अपील
सभी से उन्होंने प्रार्थना की अपील की शीघ्रातिशीघ्र दोनों कोरिया के बीच पुनर्मिलन हो सके तथा कोरियाई प्रायद्वीप में शान्ति, समृद्धि एवं एकता की स्थापना हो सके. उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की दोनों कोरियाओं के काथलिक भाई-बहन एक साथ मिलकर पवित्र यूखारिस्त का समारोह मना सकें.
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