साऊदी हवाई हमले में कई बच्चों की मौत, कई घायल साऊदी हवाई हमले में कई बच्चों की मौत, कई घायल 

साऊदी हवाई हमले की सेव द चिल्ड्रन द्वारा निन्दा, यमन

सेव द चिल्ड्रन नामक मानवतावादी एवं लोकोपकारी संगठन ने यमन के शाद में एक बस पर किये गये प्राणघाती हमले की कड़ी निन्दा की जिसमें 29 से अधिक लोगों की मौत हो गई है तथा 30 से अधिक व्यक्ति घायल हे गये हैं। मरनेवालों में 20 बच्चे शामिल हैं।

जूलयट क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

शाद, यमन शुक्रवार, 10 अगस्त 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो): सेव द लिल्ड्रन नामक मानवतावादी एवं लोकोपकारी संगठन ने यमन के शाद में एक बस पर किये गये प्राणघाती हमले की कड़ी निन्दा की है.

20 बच्चों सहित 29 की मौत

गुरुवार को उत्तरी यमन के शाद इलाके में सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा किये गये एक हवाई हमले में 29 से अधिक लोगों की मौत हो गई गई तथा 30 से अधिक व्यक्ति घायल हे गये हैं. मरनेवालों में 20 बच्चे शामिल हैं.   

साऊदी गठबंधन हूथी विद्रोहियों के ख़िलाफ़ लड़ रही यमन सरकार का समर्थन करने वाला है. हमले के वक़्त बस शाद इलाक़े के दहयान बाज़ार से गुजर रही थी. साऊदी अरब के उक्त गठबन्धन का कहना है कि हूथी विद्रोहियों के विरुद्ध की गई उनकी कार्रवाई सही और अन्तरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप थी. गठबन्धन का यह भी दावा है कि हूथी विद्रोहियों के बैलिस्टिक मिसाइल के जवाब में यह कारर्वाई की गई.

मानवतावादी संगठनों द्वारा निन्दा

सेव द चिल्ड्रन तथा अन्य मानवतावादी समूहों ने हमले की कड़ी निन्दा कर साऊदी गठबंधन और यमन की सरकार पर आरोप लगाया कि वह स्कूलों, बाज़ारों, अस्पतालों एवं और आवासीय क्षेत्र को निशाना बना रही है.

रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति ने ट्विटर पर लिखा है कि शाद इलाक़े के अस्पताल में दर्जनों घायल लोग गुरुवार को भर्ती किए गए हैं जिनमें अधिकांश बच्चे शामिल हैं. यमन में विगत तीन वर्षों से कार्यरत समिति के अनुसार, हमले के शिकार लोगों में अधिकांश की उम्र 10 वर्ष से कम है.

ग़ौरतलब है कि यमन में सरकारी सैन्य बलों एवं हूथी विद्रोहियों के बीच 2014 से हालात बिगड़ गये हैं तथा दोनों ओर से हिंसक हमले होते रहे हैं जिनमें लगभग 10.000 लोग मारे जा चुके हैं. मरनेवालों में दो तिहाई आम नागरिक हैं. अनवरत जारी हिंसा के परिणामस्वरूप यमन में खाद्य पदार्थों एवं प्राथमिक आवश्यकताओं की चीज़ों की कमी बनी हुई है. लगभग 20 लाख लोग विस्थापित हो गये हैं तथा लाखों लोग कठिन परिस्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं.  

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10 August 2018, 11:03