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अर्जेटीना में गर्भपात के खिलाफ प्रदर्शनकारी अर्जेटीना में गर्भपात के खिलाफ प्रदर्शनकारी 

गर्भपात की वैधता हेतु प्रस्तावित कानून खारिज

अर्जेटीना की सीनेट द्वारा गर्भपात की वैधता हेतु प्रस्तावित कानून को खारिज करते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 09 अगस्त 2018 (रेई) अर्जेंटीना की सीनेट ने गर्भपात के वैधीकरण पर मसौदे कानून को खारिज कर दिया है। विदित हो कि अर्जेंटीना की सीनेट में गर्भपात को वैध घोषित करने हेतु एक मसौदा कानून के पक्ष में 31 मत प्राप्त हुए जबकि इसके विपक्ष में 38 वोट मिला अतः सीनेट ने इसकी वैधता को खारिज कर दिया है।

अर्जेंटीना की कलीसिया जीवन समर्थक

अर्जेटीना की कलीसिया ने गर्भपात की वैधता हेतु प्रस्तावित कानून को खारिज करते हुए जीवन के सभी रूपों को बढ़ता दिया है। संवाददाता समाचारों के अनुसार कल अर्जेटीना के विभिन्न शहरों में इस सफलता की खुशी में कई ख्रीस्तयाग अर्पित किये गये। राजधानी बोनस आयर्स में कार्डिनल मारियो आरेलियो पोली ने ख्रीस्ताय का अनुष्ठान किया। उन्होंने बिल पारित होने के दो दिन पूर्व संत कायेतोनो के पर्व दिवस पर सीनेट के सदस्यों से इस बात हेतु अर्जी की थी, “आप सामान्य रुप से लोगों की भलाई और जीवन की संस्कृति हेतु कानून बनाने की प्रतिष्ठित और प्रशंसनीय परंपरा को बढ़ावा दें, आप कमजोर और अति सुरक्षाहीन शिशुओं की रक्षा करें, जो हमारे इतिहास में भाग लेने की प्रतीक्षा कर रहे हैं"। अर्जेटीना के धर्माधिपति ने ख्रीस्तीय समुदायों से आग्रह किया कि वे मातृत्व को प्राप्त करने वाली युवा माताओं का सम्मान करें तथा भय और लज्जा की स्थिति में उनका साथ दें जिससे वे अपने जीवन की कठिनाइयों के बावजूद खुशी से नये जीवन को दुनिया में ला सकें।

कठिनाई में पड़ी माताओं की सहायता

बोनस आयर्स की कलीसिया अपनी प्रेरितिक पहलों में इस बात पर जोर देती है कि वे कठिनाई और आवंछित गर्भधारण की स्थिति में पड़े माताओं की सहायता हेतु समर्पित हैं। कलीसिया ने अपने कार्यों में व्यापक नेटवर्क “मातृत्व आलिंगन गृह” पर जोर दिया है जिसके मद्देनजर माताओं के लिए उचित आहार, स्वास्थ्य की देख-रेख, मनोवैज्ञानिक उपचार, कानूनी और सामाजिक अभिविन्यास की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। कलीसिया उनके लिए सभी प्रकार की सेवाएँ प्रदान करती है जिससे माताएं कम से कम एक साल तक अपने बच्चों की देख-रेख भली-भांति कर सकें विशेषकर जब तक वे अपने बच्चों को विद्लाय भेजने हेतु तैयार न करते हों।
 

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09 August 2018, 17:30