संत पापा लोगों से मुलाकात करते हुए संत पापा लोगों से मुलाकात करते हुए 

काथलिक विधायक हैं प्रकाश और नमक

अंतरराष्ट्रीय काथलिक विधायक नेटवर्क ने वाटिकन न्यूज को, धार्मिक स्वतंत्रता पर संत पापा फ्राँसिस के संदेश की चर्चा की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय काथलिक विधायकों से मुलाकात की जो इन दिनों अपनी 9वीं वार्षिक सभा में भाग लेने हेतु रोम में हैं। अंतरराष्ट्रीय काथलिक विधायक नेटवर्क के सदस्य जेफ फोर्टेनबरी ने वाटिकन न्यूज को इराक के पुनःनिर्माण में अमरीका की सहभागिता एवं विश्व में धार्मिक स्वतंत्रता पर संत पापा के संदेश पर चर्चा की।

संत पापा के साथ मुलाकात

फोर्टनबेरी ने कहा कि संत पापा के साथ उनकी मुलाकात सामान्य से अधिक नजदीकी की थी क्योंकि वे एक छोटे सभागार में मिले जहाँ संत पापा उनके अति करीब बैठे थे। उस दौरान उनमें विनोद एवं विनम्रता के भाव थे तथा वे मजाक भी कर रहे थे। फोर्टनबेरी के अनुसार संत पापा ने उन्हें सापेक्षवादी आंदोलन, सांसारिकता एवं धार्मिक चरमपंथ के विचारधाराओं से अवगत कराया जिनमें से दोनों ही मानव व्यक्ति के लिए खतरनाक है।

फोर्टेनबेरी को वाटिकन में संत पापा से मुलाकात ने प्रभावित जरूरत किया किन्तु उससे भी बढ़कर वे विश्वभर के विधायकों से मिलने के कारण प्रभावित हुए, जिनमें से कई अफ्रीकी थे। उन्होंने कहा कि वे उन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए रोम में हैं जो समस्त मानव परिवार को एक सूत्र में बांट सकते हैं, खासकर, मानव प्रतिष्ठा, अंतःकरण, धार्मिक स्वतंत्रता, सापेक्षवादी धर्मनिरपेक्ष एवं विकृत धार्मिक विचारधारा आदि जो अपने आपको सबसे भयावाह शब्दों में आईएसआईएस बतलाते हैं।

इराक की प्राचीन धार्मिक स्थिति

फोर्टनबेरी ने बतलाया कि अमरीका के उपराष्ट्रपति मैक पेंन्स के आग्रह पर वे इराक गये थे जहाँ उन्होंने देखा कि अमरीका की मदद से वहाँ के लोग पुनःनिर्माण कर पा रहे हैं। इराक की कलाकृति एवं मोसाईक से पता चलता है कि एक समय में वहाँ कई धर्मों के लोग एक साथ रहते थे। उन्होंने बतलाया कि कई ख्रीस्तीय भी इराक लौट चुके हैं जिनमें एक पुरोहित भी है, जिन्होंने रोम में अध्ययन किया है। वहाँ 4,00,000 यजिदी अब भी आंतरिक रूप से विस्थापित हैं और शिविरों में रहते हैं। 3,500 यजिदी महिलाएँ अब भी आईएसआईएस के गुलाम हैं।  

आशा की किरण

फोर्टेनबेरी ने इराक में आशा की एक किरण देखी है कि लोग अपने घरों में लौटने लगे हैं। ख्रीस्तीय समुदाय नाईट ऑफ कोलम्बस और अमरीका की मदद से पुनः संगठित हो रहा है। उन्होंने कहा कि आईएसआईएस के नरसंहार से बचने के लिए एक नये प्रकार की सुरक्षा की खोज करने की आवश्यकता है जो स्थानीय लोगों की मदद कर सके। यदि ऐसा हो पाता है तो इराक में विभिन्न धर्मों के लोग फिर से एक साथ रह पायेंगे।

मानव प्रतिष्ठा पर संयुक्त विचारधारा  

उन्होंने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता जिसको पश्चिम में बहुत हल्के ढंग से लिया गया है, उसके कारण गंभीर हमले हुए हैं, खासकर, अस्पष्ट धर्मग्रंथ के कारण लोग हत्याएँ कर रहे हैं और दूसरी ओर कुछ लोग अपने मुक्तिदाता के नाम पर हत्या के शिकार बन रहे हैं। लोगों में धार्मिक स्वतंत्रता को स्वीकार किये जाने की तीव्र भूख है। यदि हम स्वीकार करें कि सभी मनुष्य ईश्वर के स्वरूप में रचे गये हैं और हम सभी की एक ही चाह है कि हमारा कल्याण हो, हमारे बच्चे सुरक्षित रहें, विकास करने, सुरक्षित आवास की सुविधा, अंतःकरण की स्वतंत्रता जिसकी अंतिम अभिव्यक्ति है धार्मिक स्वतंत्रता, ये न केवल काथलिक जगत की अपील है किन्तु समस्त मानव जाति की अपील है।

दुनिया जो अर्थ ढूढ़ रही है यही उसका उत्तर है। मानव प्रतिष्ठा ही एक आम विचारधारा है जिसको अंतःकरण एवं धार्मिक स्वतंत्रता के साथ व्यक्त किया जा सकता है। जो सौम्य, उत्तम और ऊँचा है उस दिशा की ओर बढ़ना ही जीवन की सच्ची प्रतिष्ठा है।

काथलिक विधायकों की भूमिका

फोर्टेनबेरी के अनुसार एक काथलिक विधायक को प्रकाश और नमक बनना है। उनका कर्तव्य है कठिनाइयों के बीच अच्छाई, भलाई और ऊंचाई की ओर लोगों को बढ़ने के लिए प्रेरित करना। इसके लिए उन्हें साहसी बनना है। 

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23 August 2018, 16:29