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दिचियोत्ती पोत पर आप्रवासी एवं शरणार्थी कतानिया दिचियोत्ती पोत पर आप्रवासी एवं शरणार्थी कतानिया 

दिचियोत्ती पोत में फँसे लोगों के लिये अपील

इटली स्थित कतानिया काथलिक महाधर्मप्रान्त ने इताली अधिकारियों से अपील की है कि वे शीघ्रातिशीघ्र दिचियोत्ती पोत में फँसे लोगों को नाव से बाहर निकाले तथा उनकी पहचान कर उन्हें शरण प्रदान करें।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

इटली, कतानिया, शुक्रवार, 24 अगस्त 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो): इटली स्थित कतानिया काथलिक महाधर्मप्रान्त ने इताली अधिकारियों से अपील की है कि वे शीघ्रातिशीघ्र दिचियोत्ती पोत में फँसे लोगों को नाव से बाहर निकाले तथा उनकी पहचान कर उन्हें शरण प्रदान करें.

काथलिक धर्माध्यक्षों की अपील

काथलिक धर्माध्यक्षों ने लिखा कि मानवतावादी सिद्धान्तों को सर्वोपरि रखकर शरणार्थियों की समस्या का समाधान ढूँढ़ा जाये. चार दिन पूर्व दिचियोत्ती पोत को कतानिया के बन्दरगाह पर किनारे लगाया गया था जिसमें 177 आप्रवासी एवं शरणार्थी सवार थे.

इटली के गृहमंत्री मातेओ साल्वीनी का कहना है कि आप्रवासियों को शरण प्रदान करना यूरोपीय संघ का दायित्व है तथा इसका पूरा भार इटली पर नहीं छोड़ा जाना चाहिये. मंत्री साल्वीनी ने नाव पर सवार 27 नाबालिगों को नाव से उतरने की अनुमति दे दी किन्तु 150 वयस्क आप्रवासी अब भी नाव पर सवार हैं.

कतानिया महाधर्मप्रान्त के अतिरिक्त मानवाधिकार संगठनों ने भी मंत्री साल्वीनी का आह्वान किया है कि वे शरणार्थियों को नाव से उतरने दें. विज्ञप्ति में कहा गया, "विश्वासपूर्वक हम साकारात्मक प्रत्युत्तर की अपेक्षा करते तथा दुर्बलों के संरक्षक पिता ईश्वर से प्रार्थना करते हैं."

सान्त इजिदियो ने दुहराई अपील

इसी बीच, रोम के लोकोपकारी संगठन सान्त इजिदियो ने भी नाव पर सवार आप्रवासियों के पक्ष में अपील करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि दुर्भाग्यवश अभी भी दिचियोत्ती पोत पर सवार कमज़ोर आप्रवासियों के प्रश्न को सुलझाया नहीं जा सका है.  

विज्ञप्ति में कहा गया, हमारा विश्वास है कि अन्य यूरोपीय राष्ट्रों के साथ मिलकर इस समस्या का उपयुक्त समाधान ढूँढ़ा जाना अनिवार्य है ताकि भविष्य में मानव तस्करी तथा कमज़ोर लोगों के शोषण को रोक जा सके. नाबालिगों को नाव से उतारने तथा शरण प्रदान करने की पहल का हम स्वागत करते हैं तथा आशा करते हैं कि अन्य 150 आप्रवासियों को भी पोत से उतारा जा सकेगा तथा उनकी पहचान कर उन्हें अन्तरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक शरण प्रदान की जा सकेगी.   

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24 August 2018, 11:57