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गाजा और इस्राएल की सीमा पर संघर्ष गाजा और इस्राएल की सीमा पर संघर्ष 

एक नये युद्ध की आशंका में लोग, गाजा पुरोहित

इस्राएल और गाजा के बीच सीमा पर हिंसक संघर्षों में तनाव बढ़ रहा है, गाजा पट्टी में रहने की स्थिति बिगड़ती जा रही है। एक काथलिक पुरोहित लोगों की निराशा, ख्रीस्तीय समुदाय के घटने और व्यापक भावी युद्ध की आशंका को बयां कर रहे हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

गाजा, बृहस्पतिवार, 26 जुलाई 18 (वाटिकन न्यूज)˸ संयुक्त राष्ट्र में मध्यपूर्व के राजदूत ने चेतावनी दी है कि शनिवार को गाजा में इज़राइल और हमास के बीच एक और "विनाशकारी टकराव" की स्थित आ गयी है।

उन्होंने मंगलवार को बतलाया किया कि संयुक्त राष्ट्रसंघ एवं मिस्र दोनों के राजनयिकों के प्रयास द्वारा सीमा से वापस लौटाने के कारण, संघर्ष को रोक दिया गया था।

निकोले मलादेनाव ने कहा कि वर्तमान बिगड़ती स्थिति को बदलने के लिए महत्वपूर्ण काम की आवश्यकता है, अन्यथा हमास और इस्राएल के बीच एक ही दशक में चौथा युद्ध हो सकता है। गाजा स्थित पवित्र परिवार के पल्ली पुरोहित फादर मारियो दा सिल्वा ने वाटिकन न्यूज़ को बतलाया कि इस क्षेत्र में इजरायल के 11 साल के नाकाबंदी के कारण लोगों की जिंदगी की स्थिति भयानक है और गाजा के लोगों ने आशा खो दी है।

निराशापूर्ण स्थिति एवं आजादी का अभाव

फादर सिल्वा ने कहा, "यहाँ लोगों के लिए न भोजन है और न बिजली। वे नये युद्ध की आशंका से बिलकुल डरे हुए हैं।" पिछले सप्ताह हुए हिंसक हमले जिसमें इस्राएल ने गाजा की सीमा पर आक्रमण किया था, उसकी याद कर फादर ने बतलाया कि उसमें पाँच लोग मारे गये थे, जिनमें दो बच्चे थे। उन्होंने कहा, "हम बदतर स्थिति में हैं, लोग बेरोजगार हैं, स्वतंत्र रूप से घूम नहीं सकते हैं वे बिना बिजली एवं पेयजल के हैं।" उन्होंने जोर देकर कहा, "हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है स्वतंत्रता।" फादर ने गौर किया कि गाजा के लोग मनचाहा नहीं घूम सकते, वे गाजा छोड़कर काम की खोज में बाहर नहीं जा सकते हैं।

सिमटता ख्रीस्तीय समुदाय

संकट के इस समय में कलीसिया की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि उनका कार्य है लोगों को सांत्वना देना एवं लोगों के बीच आशा जगाना।

उन्होंने बतलाया कि ख्रीस्तियों के लिए कोई भावी योजना नहीं है। उन्होंने खेद प्रकट करते हुए कहा कि 15 साल में छोटे ख्रीस्तीय समुदाय ने 70 सदस्यों को खो दिया है।

शांति प्राप्त करने का क्या समाधान है इस सवाल के उत्तर में फादर सिल्वा ने कहा कि निश्चय ही इसके लिए दोनों दलों के बीच वार्ता एवं समझौता होनी चाहिए। 

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26 July 2018, 15:39