मैदान में खिलाड़ी मैदान में खिलाड़ी 

खेल मुलाकात की संस्कृति का समर्थक, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने रियो दी जेनेरियो में खेल पर एक सेमिनार को अपना संदेश भेजा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस ने रियो दी जानेइरो में खेल पर एक सेमिनार को अपना संदेश भेजकर दोहराया कि खेल न केवल मनोरंजन का एक साधन है किन्तु मुलाकात की संस्कृति के समर्थन का माध्यम है।

खेल पर सेमिनार

"खेल मानवीय, आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए एक साधन" पर सेमिनार, अंतरराष्ट्रीय फूटबॉल फेडेरेशन (फीफा) एवं खेल शिक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय केंद्र (सी आईईएस) के साथ संयुक्त पहल पर जेतूदियो वेगास फाऊँडेशन द्वारा रियो दी जानेरियो को प्रोत्साहन देने हेतु आयोजित किया गया था।  

खेल सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं

वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन ने संत पापा की ओर से खेल के आयोजकों एवं प्रतिभागियों को प्रोत्साहन देते हुए लिखा, "खेल को मानव प्राणी के सर्वांगीण विकास एवं समुदायों की उन्नति हेतु एक सदगुण की तरह अभ्यास करने के लिए बढ़ावा देते रहना चाहिए, उस निश्चितता पर कि खेल न सिर्फ एक मनोरंजन का साधन है बल्कि उससे बढ़कर, मुलाकात की संस्कृति, भाईचारा एवं एकात्मता के निर्माण का साधन है, जो निश्चय ही शांति एवं न्याय पूर्ण समाज के निर्माण का रास्ता है।"  

सेमिनार, वाटिकन में संस्कृति को प्रोत्साहन देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के तत्वधान में 2016 में आयोजित सम्मेलन द्वारा प्रेरित था।

खेल एवं विश्वास पर पहला भाषण संस्कृति को प्रोत्साहन देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के उप सचिव एवं "मानवता की सेवा में खेल" अभियान के संयोजक मोनसिन्योर मेलकोर द्वारा दी गयी।

दूसरा भाषण आईलैंड के एक विश्व विद्यालय के प्रोफेसर विदार हाल्लदोरसन द्वारा "खेल एवं सामाजिक विकास" पर हुआ जिसमें आईलैंड में खेल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया।  

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17 July 2018, 18:30